सवा महीने की बेटी की हत्या करने का मामला, अदालत ने मां को सुनाई कड़ी सजा

Update: 2022-10-01 12:47 GMT
फरीदकोट। गांव अजीत पारा डाकघर बिलगाओ थाना बिसाडा सकरूआ जिला बांदा राज्य उत्तर प्रदेश हाल निवासी दशमेश गांव कलेर जिला फरीदकोट नाबालिग बेटी की मां द्वारा हत्या कर उसे शौचालय के कुएं में फेंकने के मामले में एडिशनल सेशन जज राजीव कालड़ा की अदालत ने लड़की की मां को उम्रकैद और 500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में उसे 3 महीने और जेल में रहना होगा। जानकारी के अनुसार थाना सदर फरीदकोट की पुलिस ने 9 अप्रैल 2021 को लड़की बिट्टी पुत्री रज्जू के हत्या संबंधी मुकदमा नंबर नंबर 0053 अधीन धारा 302, आई.पी.सी. एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें मृतक के पिता रज्जू के बयान पर उसकी मां सैना के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोप लगाया था। उसने बताया था कि उसकी शादी करीब 11 वर्ष पहले सैना पुत्री बाऊ के साथ हुई थी और हमारे चार बच्चे हुए, जिनमें से एक लड़का और तीन लड़कियां हैं, लेकिन करीब डेढ़ महीने की छोटी बच्ची बिट्टी को उसकी मां अच्छा नहीं समझती थी।
उसकी ठीक से देखभाल भी नहीं करती थी। इसी दौरान एक रात जब शिकायतकर्ता बाथरूम करने के लिए उठा तो उसने देखा कि उसकी पत्नी लड़की के साथ सो रही है। जब वह फिर उठा तो उसकी पत्नी सो रही थी लेकिन लड़की नहीं थी, इस पर उसने पत्नी से लड़की के बारे में पूछा तो उसने कोई तसल्लीबख्श जवाब नहीं दिया, जिस पर शिकायतकर्ता को अपनी पत्नी पर शक हुआ और उसने सख्ती से पूछा। उसने बताया कि लड़की को मेन हाईवे के पास शौचालय के गड्ढे में फेंक दिया क्योंकि उसके पास पहले से ही दो लड़कियां हैं और अब छोटी लड़की ने बिट्टी को अपने साथ नहीं रखना चाहती। इस पर एडिशनल सेशन जज राजीव कालड़ा की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मृतक की मां सैना को अपनी बेटी का हत्यारा पाया और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई।
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