कैबिनेट मंत्री चीमा द्वारा टैक्स इंटेेलिजेंस यूनिट द्वारा विकसित टैक्स इंटेलिजेंस पोर्टल लॉन्च
चंडीगढ़। पंजाब के कराधान विभाग द्वारा पिछले एक साल के दौरान की कारगुज़ारी की सराहना करते हुए वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने विभाग को हिदायत की है कि अब सेवाओं के क्षेत्र में कर चोरी करने वालों के विरुद्ध शिकंजा कसा जाए। उन्होंने स्टेट इंटेलिजेंस एंड प्रीवैंटिव यूनिट (एस.आई.पी.यू) और टैक्स इंटेलिजेंस यूनिट (टी.आई.यू) को सेवा क्षेत्रों से कर चोरी करने वालों का पता लगाने, ढूँढने और पकडऩे के लिए मिलकर काम करने के लिए कहा। आबकारी और कर भवन में स्टेट इंटेलिजेंस एंड प्रीवैनटिव यूनिट की पहली समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि विभाग ने वस्तुओं के व्यापार में कर चोरी रोकने में शानदार प्रदर्शन किया है और अब समय की ज़रूरत है कि सेवाओं के क्षेत्र में कर चोरी करने वालों पर सख़्त रोक लगाई जाये। उन्होंने विभाग को उन रजिस्टर्ड और ग़ैर-रजिस्टर्ड सेवाएं प्रदान करने वालों के विरुद्ध सख़्त रणनीति बनाने के लिए कहा जो उनके द्वारा पैसे लेकर दी जा रही सेवाओं के लिए जीएसटी का भुगतान नहीं कर रहे हैं।
इससे पहले अधिकारियों ने पावर प्वाइंट प्रैजैंटेशन के द्वारा मंत्री को एस.आई.पी.यू के लक्ष्यों और उपलब्धियों संबंधी अवगत करवाया। नए गठित एस.आई.पी.यू, जिसको पहले कराधान विभाग के मोबाइल विंग के तौर पर जाना जाता था, ने गुड्ज़ इन ट्रांजि़ट से जुर्माने में 38 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 234 करोड़ रुपए से अधिक के जुर्माने किए, जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 169.13 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था। इसमें से 121.43 करोड़ रुपए का जुर्माना कर चोरी के लिए केवल लोहे और स्टील के स्क्रैप और तैयार माल की ढुलाई के दौरान वसूले गए थे, जो कुल जुर्माने का 66.44 प्रतिशत था। इसमें कुल 9018 मामलों में से 2455 केवल लुधियाना के थे। सबसे बड़े मामलों में, जिनमें एक वाहन से ही 20 लाख रुपए से अधिक की रिकवरी हुई, में सबसे ज़्यादा मामलों में तांबे का कबाड़ और खाने वाला तेल ले जाया जा रहा था।
टैक्स इंटेलिजेंस यूनिट की प्रैजैंटेशन के दौरान, आबकारी और कराधान मंत्री को अवगत करवाया गया कि टी.आई.यू ने 31 मार्च, 2023 तक 1294.04 करोड़ रुपए के इन्पुट टैक्स क्रेडिट (आई.टी.सी.) को रिवर्स किया और 52.98 करोड़ रुपए की आई.टी.सी. ब्लॉक की। इसमें 10 बड़े मामलों की जांच के दौरान 1084.95 करोड़ का आईटीसी रिवर्सल शामिल है। टी.आई.यू ने अपनी जांच के दौरान यह भी पाया कि कुछ जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा फर्में अनुचित आई.टी.सी का दावा करके इसका प्रयोग कर रही थीं। इसके अलावा रद्द किए गए डीलरों की भी टी.आई.यू टीम द्वारा जांच की गई। पड़ताल के दौरान यह पता लगा है कि इनमें से बहुत से डीलरों के पास अपने क्रेडिट बही में बड़ी आई.टी.सी बकाया है। यह मामले अभी भी तस्दीक के अधीन हैं और टी.आई.यू की रिपोर्ट के आधार पर जि़लों ने अब तक 209.08 करोड़ रुपए के आई.टी.सी रिवरस्ड की है और 43.20 करोड़ रुपए के आई.टी.सी को ब्लॉक किया है।
इस समीक्षा बैठक में अन्यों के अलावा वित्त कमिश्नर कराधान श्री विकास प्रताप, कराधान कमिश्नर श्री कमल किशोर यादव, अतिरिक्त कमिश्नर-1 श्री विराज एस. तिडके, डायरैक्टर इन्वेस्टिगेशन स. तेजवीर सिंह सिद्धू भी उपस्थित थे।