पंजाब में बना बायो एनर्जी प्लांट, लगे 230 करोड़, पराली की समस्या से मिलेगी मुक्ति

Update: 2022-10-19 03:26 GMT

पंजाब में पराली की समस्याओं से निपटने के लिए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने करोड़ों रुपए की लागत के एक प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने एक 230 करोड़ रुपए की लागत का बायो एनर्जी प्लांट पंजाब को समर्पित किया, जिससे पराली जलाने की समस्या खत्म होगी. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी वारबीयो ग्रुप को दी गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वरबीयो ग्रुप का राज्य के साथ मज़बूत रिश्ता है.

उन्होंने बताया कि इसकी सहायक कंपनी वारबीयो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने बायोफ्यूल उत्पादन यूनिट भी स्थापित की है, जो प्रति दिन 33 टन और प्रति वर्ष 550 टन क्षमता के साथ बायो-सीएनजी का उत्पादन करने वाला प्रोजेक्ट है. उन्होंने हालिया स्थापित प्लांट के बारे में बताया कि इससे प्रति दिन 80,000 क्यूबिक मीटर बायोगैस का उत्पादन किया जा सकेगा, जिससे पराली जलाने की समस्याएं कम होंगी.

प्लांट में 1000 युवाओं को मिलेगा रोजगार

सीएम भगवंत मान ने कहा कि इस यूनिट में सालाना 1.30 लाख टन पराली की खपत होगी, जिससे पराली की गंभीर समस्या से निजात पाने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित इस यूनिट से धान की पराली को आग लगाने के कारण पैदा होने वाले 1.50 लाख मीट्रिक टन कंटेमिनेंट्स यानि दूषित तत्व और 20,000 मीट्रिक टन फ्लाई ऐश की सालाना कमी लाने में मदद मिलेगी. उन्होंने आगे कहा कि यह यूनिट 1000 नौजवानों को रोजग़ार भी देगा और इससे 5000 से अधिक परिवारों को लाभ पहुंचेगा.

10 और प्लांट स्थापित करने की योजना

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वरबीयो ग्रुप ने राज्य में ऐसे और प्लांट स्थापित करने में भी गहरी रूचि दिखाई है. उन्होंने कहा कि अगर यह प्रोजेक्ट सफल हो जाता है तो वरबीयो ग्रुप की तरफ से राज्य में ऐसे 10 और प्लांट स्थापित किए जाएंगे. भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य पंजाब को पराली जलाने की समस्या से मुक्त राज्य बनाना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गेहूं और धान के फ़सली चक्र से पंजाब को फसलों के अवशेष ख़ास तौर पर धान की पराली और अवशेष के निपटारे की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिसका किसी और काम के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.

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