पंजाब में बिजली की मांग में बड़ी गिरावट, सरकारी थर्मल प्लांट रोपड़ व लहरा मुहब्बत की सभी आठ यूनिट बंद

पंजाब में पड़ रही बारिश के चलते बिजली की मांग में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में कोयला बचाने के लिए सरकारी थर्मल प्लांट रोपड़ व लहरा मुहब्बत की सभी आठ यूनिट और प्राइवेट में गोइंदवाल की एकमात्र चालू यूनिट को भी बंद कर दिया गया है।

Update: 2022-05-25 11:22 GMT

पंजाब में पड़ रही बारिश के चलते बिजली की मांग में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में कोयला बचाने के लिए सरकारी थर्मल प्लांट रोपड़ व लहरा मुहब्बत की सभी आठ यूनिट और प्राइवेट में गोइंदवाल की एकमात्र चालू यूनिट को भी बंद कर दिया गया है। जबकि गोइंदवाल की एक अन्य यूनिट काफी समय से कोयले की कमी के चलते बंद पड़ी है। वहीं तलवंडी साबो प्लांट की तीनों यूनिटों को आधी क्षमता पर चलाया गया। उधर, थर्मल प्लांट में कोयले का संकट बना हुआ है। इस समय चार से 21 दिन का कोयला शेष है।

पंजाब में तीन दिन पहले तक जहां बिजली की अधिकतम मांग साढ़े 10 हजार मेगावाट के आंकड़े को पार कर गई थी। वहीं पिछले दो दिनों से पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में बारिश की वजह से बिजली की मांग गिर गई है। मंगलवार को पंजाब में बिजली की अधिकतम मांग 7262 मेगावाट दर्ज की गई, जो पिछले दिनों की 10640 मेगावाट की पीक डिमांड के मुकाबले 3378 मेगावाट कम रही।
बिजली की मांग में इस बड़ी कमी के चलते पावरकॉम ने अपने रोपड़ व लहरा मुहब्बत प्लांट की सभी आठ यूनिटों को कोयला बचाने के लिए बंद कर दिया है। उधर, प्राइवेट में गोइंदवाल की एकमात्र चल रही 270 मेगावाट की यूनिट को भी बंद कर दिया गया है। जबकि गोइंदवाल की दूसरी यूनिट काफी समय से कोयले की कमी के चलते बंद पड़ी है। इस तरह से विभिन्न थर्मल प्लांट की कुल 15 यूनिटों में से 10 यूनिटें बंद पड़ गई हैं।
तलवंडी साबो की 660-660 मेगावाट की तीन यूनिटों को भी मंगलवार को बिजली की कम मांग के मद्देनजर आधी क्षमता पर चलाया गया। मंगलवार को पावरकॉम को विभिन्न हाइड्रो प्रोजेक्टों से 375 मेगावाट बिजली मिली, जबकि राजपुरा प्लांट से 1319 मेगावाट और तलवंडी साबो से 1176 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई। पावरकॉम के पास मांग के हिसाब से बिजली की उपलब्धता 3183 मेगावाट की रही। बाकी की बिजली का पावरकॉम ने बाहर से प्रबंध किया। इस समय रोपड़ प्लांट में पांच दिन, लहरा में नौ, तलवंडी साबो में पांच, राजपुरा के पास 21 और गोइंदवाल में चार दिनों का कोयला बचा है।


Tags:    

Similar News

-->