ब्रेकिंग न्यूज़: 12 अगस्त, 1997 में अंडरवर्ल्ड ने इसी ट्रिक के जरिये गुलशन कुमार की हत्या की थी। मंदिर से बाहर आते समय शूटरों ने गुलशन कुमार पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड की पुनरावृत्ति 25 साल बाद पंजाब में हुई। पंजाबी गायक मूसेवाला की हत्या उस समय की गई जब वह घर से बाहर निकले थे।रास्ते में छह शूटरों ने 29 मई को उनकी दिनदहाड़े कई गोलियां बरसाकर हत्या कर दी। मूसेवाला की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई (जेल में बंद गैंगस्टर) मुख्य साजिशकर्ता था। कनाडा में बैठा गैंगस्टर गोल्डी बराड़ इस वारदात को अंजाम देने में मुख्य समन्वयक की भूमिका में रहा। शोधकर्ताओं ने बताया कि हालांकि यह प्राथमिक खुलासे हैं। शोध पूरी होने के बाद कई और ऐसे तथ्य सामने आएंगे जिससे पुलिस को राज्य में अपराधियों और गैंगस्टर कल्चर को खत्म करने में काफी मदद मिलेगी।अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में काम कर रही एक संस्था पुलिस के साथ भी संपर्क में है। इस संस्था ने अमर उजाला को बताया कि वर्तमान में पंजाब में बढ़ते गैंगस्टर कल्चर पर उनका शोध कार्य चल रहा है।
अब तक की शोध में यह सामने आया है कि छोटे अपराधियों से कनाडा में बैठे अपराधी बड़ा अपराध करवा रहे हैं। मिड्डूखेड़ा हत्याकांड में भी ऐसे तथ्य सामने आए हैं। क्या है बीवीसीटी ट्रिक ब्लाइंडफोल्ड वर्टिकल कैप्सूल ट्रिक गैंगस्टरों की बेहद कारगर ट्रिक है। इसके जरिये वारदात को अंजाम देने में शामिल वर्टिकल - किलर, आर्म्स सप्लायर, फाइनेंसर और ठिकाने के सूत्रधार एक-दूसरे को नहीं जानते हैं। इन सभी में केवल एक ही संचार बिंदु होता है, वह व्यक्ति इस कैप्सूल के पिरामिड के शीर्ष पर होता है और विदेश में बैठकर सभी को दिशा-निर्देश देता है। इंटरनेट की मुख्य भूमिका पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मॉड्यूल में शामिल सभी अपराधियों को बार-बार अपना स्थान बदलने का निर्देश दिया जाता है। साथ ही विदेश में बैठा मुख्य समन्वयक उनके साथ केवल इंटरनेट के जरिये ही बातचीत करता है। छोटे शार्प शूटरों का इस्तेमाल डी कंपनी की तरह पंजाब के गैंगस्टर छोटे स्थानों के शार्प शूटरों का वारदात को अंजाम देने में इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे पहले मुंबई में डी कंपनी ने उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के साफ-सुथरे रिकॉर्ड वाले लड़कों को जोड़ा था। उन्हें मुंबई बुलाकर डी कंपनी का विदेश में बैठा मुख्य समन्वयक निर्देशित करता था।