पराली जलाने वाले हो जाएं सावधान! प्रदूषण फैलाने वाले पर हुई कार्रवाई
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डेराबस्सी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर पर्यावरण संरक्षण के तहत पराली जलाने से रोकने के लिए गठित जिला/उपमंडल स्तरीय निगरानी कमेटी द्वारा डेराबस्सी क्षेत्र में पराली जलाने का पहला चालान किया गया है। यह चालान पंजाब रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट द्वारा भेजी गई तस्वीर के आधार पर गांव सताबगढ़ के दिलबाग सिंह पुत्र सुखदेव सिंह खिलाफ किया गया है। इसमें 2 एकड़ से कम जमीन होने पर 2500 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। रिमोट सेंसिंग द्वारा भेजी गई सैटेलाइट इमेज में पटवारी ने 17 सितंबर को लोकेशन की पुष्टि की थी। इस लोकेशन इमेज से जमीन का खसरा नंबर और किसान की पहचान की गई । पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 दिसंबर 2015 के निर्णय के अनुसार किसान को 2500 रुपए का पर्यावरण मुआवजा लाया गया है।
जिले में पराली जलाने की समस्या का जायजा लेने के लिए डिप्टी कमिश्नर मोहाली ने बैठक की, जिसमें अवनीत कौर ए.डी.सी. (डी), जिले के समूह उपमंडल मजिस्ट्रेट, पर्यावरण इंजीनियर, पी.पी.सी.बी., मुख्य कृषि अधिकारी एवं पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि बैठक के दौरान एस.डी, एम्स को हिदायत की गई कि इस पराली को आग लगने की घटनाओं को कम करने के लिए उन गांवों में जहां पिछले समय दौरान अधिक से अधिक आग लगने की घटनाएं सामने आई थी, वहां पहुंचें। इसके साथ ही पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (पी.आर.एस.सी.) से प्राप्त पराली जलाने की घटनाओं को नोडल अधिकारी और पटवारियों द्वारा 48 घंटे के भीतर और पी.आर.एस.सी. द्वारा विकसित ए.टी.आर. एप्लीकेशन पर अडेट किया जाए। पराली जलाने वाले किसानों की खसरा गिरदावरी में रेड एंट्री की जाए। पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफआई.पी.सी. की धारा-183 तहत एफ.आई.आर. दर्ज करने के निर्देश दिए गए। पर्यावरण इंजीनियर पी.पी.सी.बी. द्वारा यह सूचित किया गया था कि एन.जी.टी. के आदेशों की पालना में वातावरण मुआवजे की रकम 2 एकड़ से कम माप वाली जगह के लिए 2500 प्रति घटना, 2-5 एकड़ की जगह के लिए 5000 प्रति व 5 एकड़ से ज्यादा रकबे वाली जगह पर 15,000 प्रति घटना का जुर्माना लगाया जाएगा।