यहां सिविल अस्पताल में एक अज्ञात व्यक्ति 7 माह के बच्चे को पालने में छोड़ गया। अस्पताल कर्मियों को जैसे ही इसकी जानकारी हुई उन्होंने मौके पर पहुंचकर इलाज किया। बच्ची को गंभीर हालत में देख फरीदकोट मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
कुछ साल पहले नर सेवा नारायण सेवा समिति द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से पालना स्थापित किया गया था। लंबे समय से किसी ने नवजात को पालने में नहीं छोड़ा था।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ साहब राम ने अस्पताल पहुंचकर बच्चे का चेकअप किया।
समिति के प्रमुख राजू चर्या ने कहा कि यह अच्छा हुआ कि किसी ने बच्चे को सड़कों या नहरों के किनारे लावारिस छोड़ने के बजाय पालने में रखने का फैसला किया।