बस स्टैंडों पर दुकान आवंटन में सेल्फ हेल्प ग्रुप के लिए 25 फीसदी आरक्षणः मनोहर लाल
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वयं सहायता समूहों से कहाकि राज्य में आगे से जितने भी राशन डिपो अलॉट होंगे, उनमें 33 प्रतिशत डिपो महिलाओं को दिए जाएंगे। यदि कोई स्वयं सहायता समूह राशन डिपो के लिए आवेदन करता है तो उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
इसी तरह पंचायत की जमीन या तालाब का मछली पालन ठेके के लिए भी सेल्फ हेल्प ग्रुप आवेदन करता है तो उन्हें नीलामी की राशि में 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बस स्टैंड पर भी जो दुकानें लॉटरी या किसी अन्य तरीके से आवंटित की जाएंगी तो 25 प्रतिशत सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के लिए आरक्षित रखी जाएंगी। यदि यह दुकानें नीलामी के माध्यम से आवंटित की जाएंगी तो एसएचजी को नीलामी की राशि में 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। यदि स्वयं सहायता समूह के किसी सदस्य के परिवार की आय 1.80 लाख रुपए से अधिक बढ़ती है तो 1 वर्ष के लिए उनका राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड नहीं काटा जाएगा।
संवाद के दौरान लाभार्थियों ने कहाकि राज्य सरकार द्वारा एसएचजी को रिवाल्विंग फंड, सामुदायिक निवेश फंड और क्रेडिट लिंकेज स्कीम के तहत प्रदान की जा रही वित्तीय सहायता से उन्हें व्यापार चलाने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आती है। एसएचजी की महिलाओं ने राज्य सरकार द्वारा विशेष रूप से महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए दिए जा रहे अधिकारों के लिए भी मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यालय में एक कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा। ताकि सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़े लाभार्थी विभिन्न प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकें।
सेल्फ हेल्प ग्रुप की संख्या बढ़कर अब 57376 हुईः
मनोहर लाल ने कहाकि प्रदेश में वर्ष 2014 में स्वयं सहायता समूहों की संख्या 812 थी। वर्ष 2014- 15 में सत्ता संभालने के बाद से ही हमारी सरकार ने स्वयं सहायता समूह की ओर ध्यान दिया। पहले ही साल में 2100 नए सेल्फ हेल्प ग्रुप्स बने। आज साढ़े 8 साल के बाद प्रदेश में कुल 57,376 स्वयं सहायता समूह हैं। इन्हें 54 करोड़ 57 लाख रुपए रिवॉलविंग फंड, लगभग 285 करोड़ रुपए सामुदायिक निवेश फंड और लगभग 880 करोड़ रुपये बैंक क्रेडिट लिकेज प्रदान किया गया है। सरकार ने रिवॉलविंग फंड की राशि को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 20,000 रुपए कर दी है।
एसएचजी के उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए बनेगा पोर्टल:
मुख्यमंत्री ने संवाद के दौरान ही अधिकारियों को आदेश दिए कि एक पोर्टल विकसित किया जाए, जिस पर सेल्फ हेल्प ग्रुप द्वारा बनाए गए उत्पादों की जानकारी डाली जाए। इन उत्पादों की गुणवत्ता को सर्टिफाई कर एक ब्रांड की पहचान दी जाए ताकि लोग इस पोर्टल के माध्यम से सेल्फ हेल्प ग्रुप के उत्पाद खरीद सकें। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के इस युग में अपने उत्पादों के निर्माण में एसएचजी नवीनता लाएं और प्रतियोगिता में बने रहने के लिए उत्पादों की गुणवत्ता की ओर भी विशेष ध्यान दें।