20 दिन पहले ही जेल के मुख्य द्वार को बम से उड़ाने की मिली थी सूचना, सुरक्षा बढ़ाने के बाद भी कोई रख गया बम
चंडीगढ़ पुलिस को 20 दिन पहले ही बुड़ैल जेल के मुख्य द्वार को बम से उड़ाने की सूचना मिल चुकी थी। सूत्रों ने यह भी जानकारी दे दी थी कि जेल का नक्शा तक बना लिया गया है। डीजीपी प्रवीर रंजन ने पुलिस अधिकारियों से कहा था कि इस इनपुट को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। पुलिस ने सुरक्षा भी बढ़ा दी लेकिन फिर भी जेल की दीवार के पास कोई बम रख गया।
सूत्रों के अनुसार पुलिस के पास 20 अप्रैल को बुड़ैल जेल के आसपास कोई घटना घटित होने का इनपुट था। पता चला था कि दहशत फैलाने के उद्देश्य से मॉल, मार्केट और सेक्टर-43 व 17 अंतरराज्यीय बस अड्डे पर ब्लास्ट हो सकता है। यही वजह है कि ऑपरेशन सेल शनिवार को चेकिंग करने एलांते मॉल पहुंची।
लगभग एक घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया लेकिन कुछ संदिग्ध नहीं मिला। इसके बाद सेक्टर-17 बस स्टैंड पर आधा घंटा और सेक्टर-43 बस स्टैंड पर एक घंटा चेकिंग की गई लेकिन वहां भी कुछ नहीं लगा। उसके बाद पुलिस शाम को जेल के पास पहुंची। ऑपरेशन सेल की क्यूआरटी पहले से ही बुड़ैल जेल के बाहर लगी हुई थी। इस दौरान ऑपरेशन सेल के डीएसपी जसबीर सिंह और इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह टीम के साथ शनिवार शाम करीब आठ बजे बुड़ैल जेल के बाहर पहुंचे।
आतंकियों की बैरक को खंगाला, बम की जानकारी नहीं होने दी
जेल अधिकारी ने बताया कि टिफिन बम की सूचना के बाद जेल में बंद आतंकियों की बैरक को खंगाला गया। पुलिस ने शौचालय तक की जांच की लेकिन कुछ नहीं मिला। जेल प्रशासन ने कैदियों को अखबारों की कटिंग दी जाती है लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर आतंकियों को बम मिलने की अखबार में प्रकाशित खबर की रविवार को कटिंग नहीं दी गई।
चंडीगढ़ पुलिस की बम स्क्वॉयड टीम मॉकड्रिल तक सीमित
पुलिस की बम डिटेक्शन स्क्वॉड टीम पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। बम स्क्वॉड टीम बम को डिफ्यूज नहीं कर पाई। बड़ा सवाल है कि कोई टाइमर बम होता तो बम को समय पर कैसे डिफ्यूज किया जाता। टीम विशेष अवसरों पर मॉकड्रिल तक ही सीमित है।