पुलिस ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान हुए हत्याकांड में दो और आरोपियों को किया गिरफ्तार
कानपुर। विशेष जांच दल (एसआईटी), कानपुर पुलिस आयुक्तालय और कानपुर बाहरी पुलिस ने उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान हुए निराला नगर हत्याकांड में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों की कुल संख्या 6 हो गई है.
एसआईटी के पुलिस उप महानिरीक्षक बालेंदु भूषण सिंह ने बुधवार को कहा, "हमने छापेमारी कर 61 वर्षीय अमर सिंह और 60 वर्षीय मोबीन को घाटमपुर इलाके से गिरफ्तार किया है." इससे पहले 15 जून को निराला नगर हत्याकांड के चार आरोपियों की पहचान योगेंद्र सिंह, विजय नारायण सिंह, शफीउल्लाह और अब्दुल रहमान के रूप में हुई थी, जिन्हें एसआईटी ने गिरफ्तार किया था.
कांग्रेस सरकार में राज्य मंत्री रहे शिवनाथ सिंह कुशवाहा के भतीजे राघवेंद्र कुशवाहा की गिरफ्तारी अभी बाकी है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान एक आरोपी ने पुलिस टीम के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. 1984 में निराला नगर में भूपेंद्र सिंह और रक्षपाल सिंह को जिंदा जला दिया गया था, जबकि सरदार गुरुदयाल सिंह के बेटे सतवीर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
2019 में एसआईटी के गठन के बाद, मामले में 31 आरोपियों की पहचान की गई थी, जिनमें से चार आरोपियों शफीउल्लाह, योगेंद्र सिंह, विजय नारायण सिंह और अब्दुल रहमान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. एसआईटी ने 11 मामलों की जांच पूरी कर 96 आरोपियों की पहचान कर ली है, जिनमें से 22 की मौत हो चुकी है.
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षा कर्मियों द्वारा हत्या के बाद दंगों में कुल 127 सिख मारे गए थे. हत्या और डकैती के करीब 40 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 29 मामलों में फाइनल रिपोर्ट पेश कर पुलिस ने उनकी फाइल बंद कर दी, लेकिन राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी टीम ने इन मामलों की फाइलें दोबारा खोली और 14 मामलों में सबूत हासिल किए. चार सदस्यीय एसआईटी का नेतृत्व उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक अतुल कर रहे हैं.