मैरिटल रेप पर हाईकोर्ट के खंडित आदेश के ख़िलाफ़ शीर्ष अदालत में याचिका दायर
अपवाद को खत्म करने की मांग की गई थी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : वैवाहिक बलात्कार (मैरिटल रेप) को अपराध घोषित करने के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए खंडित फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं में कानून में मौजूद उस अपवाद को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत पत्नियों के साथ बिना सहमति के शारीरिक संबंध बनाने के लिए पतियों पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता.याचिका दायर करने वालों में से एक खुशबू सैफी ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. उच्च न्यायालय ने 11 मई को इस संबंध में एक खंडित फैसला सुनाया था.पीठ की अगुवाई कर रहे जस्टिस राजीव शकधर ने वैवाहिक बलात्कार के अपवाद को 'असंवैधानिक' बताते हुए इसे समाप्त करने का समर्थन किया था और कहा था कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) लागू होने के '162 साल बाद भी एक विवाहित महिला की न्याय की मांग नहीं सुना जाना बेहद दुखद होगा.'