महंगा हुआ पामोलीन आयल, राज्य में पड़ने लगा है रूस- यूक्रेन युद्ध का प्रभाव

महंगा हुआ पामोलीन आयल

Update: 2022-03-03 10:18 GMT
भुवनेश्वर। रूस-यूक्रेन के बीच जोरदार लड़ाई हो रही है। यूक्रेन की राजधानी कीव को कब्जा करने के लिए रूस भयंकर हमला कर रहा है। रूस एवं यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का प्रभाव अब ओडिशा में भी पड़ने लगा है। युद्ध के कारण राज्य में खाने के तेल के दाम अचानक बढ़ गए हैं। 30 रुपये तक पामोलीन तेल के दाम बढ़े हैं। उसी तरह से सनफ्लावर तेल के दर में भी वृद्धि हुई है। खबर के मुताबिक राज्य में जितने परिमाण में तेल का भंडार है वह एक सप्ताह में खत्म हो जाएगा। ऐसी स्थिति में तेल का आयात नहीं होता है तो फिर स्थिति और संगीन हो जाएगी।
सूचना के मुताबिक ओडिशा को दैनिक डेढ़ हजार से दो हजार टन तेल का आयात होता है। उसी तरह से सालाना 6 लाख टन तेल ओडिशा आता है। यदि भारत की बात करें तो फिर भारत में सालाना 1.90 करोड़ टन तेल की आवश्यकता है। इसमें से 1.30 करोड़ टन अर्थात 70 प्रतिशत तेल आयात किया जाता है। इसमें से 50 प्रतिशत पामौलीन, 20 प्रतिशत सनफ्लावर तेल आयात होता है। आयात होने वाले तेल में से 23 लाख टन सनफ्लावर, 24 लाख टन पामोलीन केवल यूक्रेन से आता है। किन्तु रूस एवं यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण आयात बाधित हुआ है।ओडिशा व्यवसायी महासंघ के महासचिव सुधाकर पंडा ने कहा है कि सरकार यदि इस पर ध्यान नहीं देती है तो फिर अगले एक सप्ताह के बीच खाने के तेल की कीमत में 50 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी हो सकती है।
कटक के जिलाधीश कार्यालय के सामने प्रदर्शन
यूक्रेन से सभी भारतीय छात्र छात्राओं को सरकारी खर्चे पर सुरक्षित देश में वापस लाया जाए। यूक्रेन में युद्ध के दौरान जान गवाने वाले सभी छात्रों के परिवार वालों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। रूस, यूक्रेन के उपर तुरंत युद्ध बंद करे और वहां से अपनी सेना को वापस ले जाए। इसके अलावा साम्राज्यवादी युद्ध गठबंधन नाटो को जल्द से जल्द तोड़ दिया जाए। यह सब मांग करते हुए विभिन्न नागरिक संगठनों की ओर से कटक के जिलाधीश कार्यालय के सामने प्रदर्शन की गईं है।
इस मौन प्रदर्शन के दौरान अन्दोलनकारी हाथों में प्ला कार्ड लेकर अपनी मांगों दो दोहराया। इस प्रदर्शन में कटक महानगर नागरिक मंच के संयोजक चित्त रंजन मोहन्ती,बरिस्ठ पत्रकार डॉ सत्य राय,संग्रामी फोरम के संयोजक प्रशांत दास,स्वतंत्राता सेनानी निशाकर दास,नारी नेत्री लक्ष्मीप्रिया मोहन्ती, इं सी.बी शास्त्री,बस्ती नेता खगेश्वर सेठी,सामाजिक कार्यकर्ता डॉली दास,राष्ट्रीय युवा संगठन के संयोजक डॉ बिश्वजीत,वकिल प्रशांत पंडा,श्रमिक नेता राज किशोर मालिक,कामिलुद्दीन अहमद,एनामुल हक़,सिप्रा मोहन्ती प्रमुख मौजुद थे। इस युद्ध के मद्देनजर दुनिया स्थिति और बिगड़ जाएगी। ऐसे में जल्द से जल्द युद्ध बंद किया जाए और शन्ति स्थापित हो, उसके लिए पुरी दुनिया के लोग आगे आए और आवाज उठाये।यह निवेदन भी इन संगठनों की ओर से की गई है।
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