Odisha ओडिशा : कृषि और किसानों के विकास के बिना देश का समग्र विकास संभव नहीं है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को कहा कि कृषि, मत्स्य उत्पादन और पशुधन के विकास से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकती है। भुवनेश्वर में ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा कि कृषि को प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों, प्रति व्यक्ति खेतों के आकार में कमी और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन जैसी नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने वैज्ञानिकों से उभरती स्थिति से निपटने के लिए समय पर प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और उनका प्रसार करने का आग्रह किया।
उन्होंने जोर देकर कहा, "हमें पर्यावरण संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य संरक्षण, जल और मृदा संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर उपयोग पर जोर देना होगा।" विज्ञापन राष्ट्रपति ने कहा, "बढ़ते तापमान और ग्रीनहाउस गैसों में वृद्धि जैसे जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दे कृषि उत्पादन को प्रभावित कर रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों पर ऐसे सभी मुद्दों से निपटने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग भी हमारे कृषि क्षेत्र के लिए एक नई चुनौती के रूप में उभरा है। मिट्टी, पानी और पर्यावरण पर इनका दुष्प्रभाव सभी के लिए चिंता का विषय है।" उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि युवा वैज्ञानिक इन समस्याओं का समाधान खोज लेंगे। इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह छात्रों के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।
उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अब एक अलग पारिस्थितिकी तंत्र में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें उन्हें वास्तविक दुनिया की परिस्थितियों में अपने ज्ञान और कौशल की कठोर परीक्षा का सामना करना पड़ेगा। उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे अपने अर्जित ज्ञान और कौशल के सर्वोत्तम अनुप्रयोग के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान दें। उन्होंने छात्रों से अपने नवोन्मेषी विचारों और समर्पित कार्यों के माध्यम से 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के राष्ट्रीय लक्ष्य में योगदान देने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा, "एक समय था जब हम खाद्यान्न के लिए दूसरे देशों पर निर्भर थे। अब हम खाद्यान्न और अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात कर रहे हैं। यह हमारे कृषि वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन और हमारे किसानों की अथक मेहनत के कारण संभव हुआ है।"