ओटीपी शेयरिंग घोटाला मामला : ओडिशा एसटीएफ ने एक और आरोपी को किया गिरफ्तार
भुवनेश्वर (आईएएनएस)| ओडिशा पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने ओटीपी बेचने और साझा करने के मामले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। एक पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इससे पहले कुछ अपराधियों और संदिग्ध पाकिस्तानी एजेंटों को प्री-एक्टिवेटेड सिम का ओटीपी साझा करने के आरोप में तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था। उनकी पहचान 35 वर्षीय पठानी सामंत लेनका, 26 वर्षीय सरोज कुमार नायक और 19 वर्षीय सौम्या पटनायक के रूप में हुई।
वर्तमान आरोपी की पहचान नयागढ़ जिले के 32 वर्षीय प्रद्युम्न कुमार साहू के रूप में हुई है। साहू ग्रेजुएट है और वह इससे पहले आइडिया में टेरेटरी सेल्स एक्जीक्यूटिव और जियो पॉइंट मैनेजर के तौर पर काम कर चुका है। अधिकारी ने कहा कि अब वह फास्टैग कंपनी ब्लैक बक में काम कर रहा था।
एसटीएफ के मुताबिक, प्रद्युम्न ने 500 से ज्यादा प्री-एक्टिवेटेड सिम और 150 प्लस प्रीएक्टिवेटेड पेटीएम वॉलेट पठानी सामंत लेनका को बेचे थे। इस मामले में पठानी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। ये सिम और वॉलेट विभिन्न साइबर अपराधियों और पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (पीआईओ) को बेचे गए थे।
कुछ पहले से सक्रिय सिम और वॉलेट का इस्तेमाल पीआईओ/आईएसआई एजेंटों द्वारा किया गया था जो मुख्य रूप से कराची और बलूचिस्तान मे थे। एसटीएफ अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में आगे की जांच जारी है।
जांच के दौरान, टास्क फोर्स के अधिकारियों ने पाया कि आरोपी कुछ तकनीकी खामियों के बहाने ग्राहकों को बेवकूफ बनाकर एक ही पहचान पर कई सिम जेनरेट करते थे। अलग-अलग वॉलेट जैसे फोनपे, गूगल पे और अन्य को सक्रिय करने के लिए, पंजीकृत मोबाइल फोन नंबर (जो बैंक खाते से जुड़े हुए हैं) अनिवार्य थे।
हालांकि, पेटीएम वॉलेट खाते के मामले में, एक बार सक्रिय होने पर, मुख्य ग्राहक के साथ अन्य लोग भी यूजर आईडी और पासवर्ड का उपयोग करने के बाद इसे संचालित कर सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि एसटीएफ इसका विश्लेषण करने जा रही है और जरूरत पड़ने पर सेटिंग बदलने के लिए पेटीएम को लिखेगी।
--आईएएनएस