गणतंत्र दिवस परेड में इस बार भी नहीं होगी ओडिशा की' झांकी'
गणतंत्र दिवस के मौके पर देश की राजधानी दिल्ली में इस बार भी ओडिशा की झांकी नहीं दिखेगी।
भुवनेश्वर, गणतंत्र दिवस के मौके पर देश की राजधानी दिल्ली में इस बार भी ओडिशा की झांकी नहीं दिखेगी। लगातार दूसरे साल ओडिशा की झांकी को गणतंत्र दिवस समारोह में स्थान नहीं मिला है। कोई निश्चित कारण बताए बगैर ओडिशा की झांकी को शामिल न किए जाने से लोगों में नाराजगी देखी जा रही है।
तीन कलाकारों ने तैयार किए थे पांच माडल
आजादी का अमृत महोत्सव पालन के अवसर पर इस साल की झांकी में देश आजादी के 75 साल विषय को लेकर गणतंत्र दिवस पर झांकी निकालने का कार्यक्रम है। इसमें स्वतंत्रता एवं संग्रामियों की कहानी को लेकर ओडिशा से तीन कलाकारों द्वारा पांच माडल बनाये गए थे। इसमें से एक माडल फाइट विद्रोह एवं बक्सी जगबंधु का पहले चरण में चयन किया गया था। हालांकि बिना कोई कारण बताए तीसरे चरण में इस माडल को हटा दिया गया। ओडिशा की झांकी को गणतंत्र दिवस समारोह में मौका ना मिलने से लोगों ने दुख प्रकट किया है। उत्कल प्रसंग के संपादक लेनिन मोहंती ने कहा है कि हम इसका उपयुक्त फोरम पर प्रतिवाद करेंगे।
इन झांकियों के लिए मिले थे प्रस्ताव
यहां उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को 5 डिजाइन का प्रस्ताव दिया गया था। देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम पाइक विद्रोह 1817, जयी राजगुरु एवं चाखी खुंटिया की जीवनी, ओडिशा में हाकी के लिए आधार भूमि, हाकी खेल के विकास के लिए राज्य सरकार के प्रयास एवं पिछले 20 साल में ओडिशा में हुए व्यापक विकास को इसमें शामिल किया गया था। खासकर आपदा संचालन में ओडिशा किस प्रकार से सफल हो रहा है, पूरी दुनिया में उदाहरण पेश किया है। इसके ऊपर बनाई जाने वाली झांकी का प्रस्ताव दिया गया था। राजधानी दिल्ली में इस बार भी ओडिशा की झांकी नहीं दिखेगी।
सन 2000 में लिंगराज मंदिर पर तैयार की थी झांकी
केंद्र सरकार ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम पाइक विद्रोह प्रस्ताव को ग्रहण किया था। हालांकि इससे संबंधित ओडिशा से जाने वाला माडल तीसरे राउंड में बाहर हो गया। यह माडल क्यों बाहर हुआ इस संदर्भ में केंद्र सरकार की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई। एक तरफ लगातार पांच साल से गुजरात की झांकी को केंद्र सरकार स्वीकार कर रही है वही पूरे देश के लिए गौरव प्रथम स्वतंत्रता संग्राम को मान्यता देने में उपेक्षा को लेकर लोगों ने कई तरह के सवाल खड़े किए हैं। यहां उल्लेखनीय है कि सन 2000 में दिल्ली के राजपथ पर ओडिशा के लिंगराज मंदिर के साथ रुकुड़ा रथ झांकी में शामिल हुआ था।