ओडिशा एसटीएफ ने मंगलुरु विस्फोट के आरोपियों को सिम मुहैया कराने वाले युवक को किया गिरफ्तार
भुवनेश्वर (आईएएनएस)| ओडिशा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने ओटीपी सेलिंग और शेयरिंग घोटाले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह पांचवी गिरफ्तारी है। आरोपी ने पिछले साल मंगलुरु ऑटो ब्लास्ट मामले में आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किया गया सिम और डेबिट कार्ड मुहैया कराया था। एसटीएफ ने रविवार को प्रेस बयान में बताया कि उन्होंने जाजपुर जिले के बारी रामचंद्रपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत भुरुंगा गांव के 31 वर्षीय प्रीतम कर को गिरफ्तार किया है। प्रीतम को भुवनेश्वर कोर्ट में पेश किया जाएगा।
प्रीतम और उसके सहयोगी 2017 से पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (पीआईओ) और आईएसआई एजेंटों सहित साइबर अपराधियों के साथ ओटीपी, फर्जी खाते/प्री-एक्टिवेटेड डिजिटल वॉलेट साझा करने का यह अवैध कारोबार कर रहे हैं।
एसटीएफ ने कहा कि प्रीतम कम से कम दो पीआईओ/आईएसआई एजेंटों के साथ सीधे संपर्क में था और अन्य राज्यों में उनसे कई बार मिल चुका था। हाल ही में उसे ओटीपी/फर्जी खाते/डिजिटल वॉलेट बेचने के लिए 1.5 लाख रुपये भी मिले थे।
टास्क फोर्स को यह भी पता चला कि पिछले साल के मैंगलोर ऑटो ब्लास्ट में आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किया गया सिम और डेबिट कार्ड प्रीतम कर द्वारा मुहैया किया गया था।
आरोपी अब तक हजारों प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड, ओटीपी और फर्जी अकाउंट/डिजिटल वॉलेट बेच चुका है। वह प्रति सिम 1,000 रुपये तक और फर्जी खातों/डिजिटल वॉलेट के लिए प्रति खाता 30,000 रुपये तक चार्ज करता था।
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि वह इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी), एफआईएनओ केयर, एचडीएफसी, एक्सिस, यस बैंक, आईसीआईसीआई, एयरटेल पेमेंट बैंक, पेटीएम बैंक आदि के फर्जी खाते/डिजिटल वॉलेट बेचता था। ओटीपी शेयरिंग गैंग विभिन्न व्हाट्सऐप ग्रुप, फेसबुक मैसेंजर ग्रुप और टेलीग्राम ग्रुप के जरिए ग्राहकों से संपर्क करता था।
प्रीतम 113 सदस्यों वाले 'ऑल सेविंग एसी अवेलेबल' नाम के व्हाट्सऐप ग्रुप का एडमिन था। और वह कई विदेशी नंबरों पर भी व्हाट्सऐप वॉयस कॉल/चैट करता था। वह ओटीपी शॉप-6, ऑल ओटीपी अवेलेबल, ओटीपी सेल/बाय अड्डा, ओटीसी केवाईसी डील्स, ऑनलाइन प्रोजेक्ट डेली, इंडियन टॉप ओटीपी ग्रुप, बेस्ट ओटीपी ग्रुप आदि जैसे कई ग्रुप्स का भी सदस्य है।
इससे पहले इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इस संवेदनशील मामले में आगे की जांच एसटीएफ कर रही है।