Bhubaneswar भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार ने गुरुवार को 16वें वित्त आयोग के समक्ष 12.59 लाख करोड़ रुपये की मांग रखी।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली ओडिशा सरकार की टीम के साथ बैठक में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया की अगुवाई वाली टीम के समक्ष ये मांगें रखी गईं।
राज्य की 12.59 लाख करोड़ रुपये की मांग का ब्योरा देते हुए माझी ने कहा कि ओडिशा ने पूर्व-हस्तांतरण राजस्व घाटे के रूप में 9,88,422 करोड़ रुपये, राज्य विशिष्ट निकायों के लिए 1,10,434 करोड़ रुपये, स्थानीय निकायों को अनुदान के लिए 1,00,036 करोड़ रुपये, एसडीआरएफ के लिए 31,004 करोड़ रुपये और राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष के लिए 29,252 करोड़ रुपये मांगे हैं।
आयोग राज्य के चार दिवसीय दौरे पर है।
16वें वित्त आयोग की सिफारिश के आधार पर विभिन्न राज्यों को केंद्र से अनुदान मिलेगा।
माझी ने संवाददाताओं से कहा, "हमने 2026 से 2031 तक अगले पांच वर्षों के लिए 12,59,148 करोड़ रुपये की मांग की है। ओडिशा सरकार ने केंद्रीय हस्तांतरण पूल में राज्य के हिस्से को मौजूदा 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की भी मांग की है।" उन्होंने कहा कि राज्य ने वित्त आयोग से केंद्र से राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के तहत 100 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान करने और केंद्रीय कर में राज्य का हिस्सा 4.528 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.964 प्रतिशत करने का भी अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले केंद्र एसडीआरएफ का 75 प्रतिशत योगदान देता था जबकि राज्य शेष 25 प्रतिशत का भार उठाता था। हालांकि, इस बार ओडिशा ने एसडीआरएफ के लिए 100 प्रतिशत अनुदान की मांग की है क्योंकि राज्य आपदा प्रवण है और अक्सर चक्रवात, बाढ़ और ऐसी अन्य आपदाओं से प्रभावित होता है। माझी ने शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के लिए केंद्र के राजस्व का 2 प्रतिशत हिस्सा तय करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि ये मांगें राज्य के उस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए की गई हैं जिसके तहत 2036 तक ओडिशा भारत के शीर्ष पांच राज्यों में से एक के रूप में उभरेगा, जब ओडिशा एक अलग राज्य के रूप में अपने गठन के 100 साल पूरे करेगा।