सरकार की ओर से दिव्यांगों को बसों में छूट देने का निर्देश

दिव्यांगों को सुविधा देने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं

Update: 2021-12-20 06:28 GMT
राउरकेला : दिव्यांगों को सरकार की ओर से सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है। इसके लिए विभिन्न योजना चलाने के साथ ही विभागों को इसका पालन करने के लिए निर्देश दिया गया है। सुंदरगढ़ जिले में कई निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है जिससे दिव्यांग सुविधा से वंचित हो रहे हैं एवं उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन की ओर से सभी बसों में दिव्यांग के लिए अलग से सीट रखने तथा भाड़ा में छूट देने की व्यवस्था है पर जिले में कंडक्टर व मालिक इसका पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसा करने वाले बस मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर एडीएम दिव्य ज्योति परीडा ने इस पर ध्यान देने व सुविधा दिलाने का निर्देश आंचलिक परिवहन अधिकारी को दिया है।
दिव्यांगों को सुविधा देने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी करने के साथ ही ट्रेन, बस में यात्रा के लिए सीट आरक्षण के साथ भाड़े में भी छूट की व्यवस्था है। सिविल टाउनिशिप की दिव्यांग निर्मला नायक 90 फीसद से अधिक दिव्यांग हैं। वह अपने काम से बस से जिला तथा जिले के बाहर जाती हैं। प्रमाणपत्र दिखाने के बावजूद बस कंडक्टर उससे पूरा भाड़ा ले रहे हैं। राउरकेला से बणई आइटीडीए की बैठक में निजी बस में जाने के दौरान उससे पूरा भाड़ा लिया गया। यह केवल उदाहरण है। इस तरह जिले में दिव्यांगों को बस भाड़ा में छूट देने की बात बेमानी साबित हो रही है। निर्मला ने अतिरिक्त जिलापाल तथा आंचलिक परिवहन अधिकारी से इसकी शिकायत की और इस पर विचार करने का अनुरोध किया। अतिरिक्त जिलापाल दिव्य ज्योति परीडा ने इसे गंभीरता से लिया और इसके पालन के लिए आंचलिक परिवहन अधिकारी विश्वराज बेहरा को निर्देश दिए हैं। निर्मला सिविल टाउनशिप में अपनी मां पार्वती के साथ रहती हैं। 2003 में बोलेरो की टक्कर से उसे अपना दायां पैर गंवाना पड़ा था। अब वह बैशाखी के सहारे चलती है। वह बाबा नागेश्वर दिव्यांग समूह के जरिए विभिन्न सामग्री तैयार कर बेचती है। इसमें खुद का रोजगार होने के साथ दूसरों को भी रोजगार दे रही हैं।
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