सरकार की ओर से सहायता राशि प्रदान कराने के नाम पर सुपरवाइजर ने लाभुकों से की लाखों की उगाही
लाभुकों से लाखों की उगाही
बामड़ा : कुचिंडा प्रखंड के पांच गांव के ग्रामीणों की आर्थिक उन्नति और रोजगार मुहैया कराने के लिए स्वायल कंजर्वेशन विभाग के जरिये गो पालन, बकरी पालन, मछली पालन, सब्जी की खेती करने और अन्य रोजगार के लिए सरकार की ओर से सहायता राशि प्रदान कराने के नाम पर सुपरवाइजर ने लाभुकों से लाखों रुपये की उगाही की है। इसके बावजूद योजना में शामिल नहीं करने को लेकर ग्रामीणों ने एक पखवाड़ा पूर्व कुचिंडा एसडीएम आदित्य गोयल से लिखित शिकायत की थी। इस बीच संबंधित सुपरवाइजर ने अपना तबादला संबलपुर करा लिया। इसे लेकर लाभुकों में असंतोष है। दो वर्ष पहले अनुमंडल के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की उन्नति को लेकर सरकार की ओर से सर्वे कराया गया था। कुचिंडा प्रखंड के तिलईमाल पंचायत के अर्जुनडीही, बुरोडीही व टैंसर पंचायत के फटाटांगर, कुलांगजोर व ठियानाल गांव को इस योजना में शामिल किया गया था। इन पांच गांव के लाभुकों को गो पालन के लिए चालीस हजार और बकरी पालन के लिए पच्चीस हजार रूपये आर्थिक अनुदान देना था। लाभुकों की सूची बनने के बाद स्वायल कंजर्वेशन विभाग के एक सुपरवाइजर ने गांव में जाकर लाभुकों के साथ बैठक की और गो पालन करने वाले लाभुकों से अनुदान पाने के लिए 10 हजार और बकरी पालन करने वाले लाभुकों से छह हजार रुपये अग्रिम देने को कहा। रुपये न देने पर अनुदान के कागजात नहीं बनने की बात कही गई थी। अनुदान के लोभ में लाभुकों ने उधार लेकर सुपरवाइजर को निर्धारित की गई राशि दे दिए थे। अर्जुनडीही गांव के 92 लाभुकों समेत पांच गांव के 300 से अधिक लाभुकों से सुपरवाइजर ने करीब पचास लाख रुपये की उगाही की है। कुछ लाभुकों को बैंक के माध्यम से अनुदान की राशि मिली है। हालांकि अधिकांश लाभुकों को अनुदान की राशि नहीं मिली है। नाराज लाभुकों ने 15 दिन पूर्व कुचिंडा एसडीएम आदित्य गोयल से इस मामले को लेकर लिखित शिकायत की थी। लाभुकों ने एसडीएम से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कर आरोपित सुपरवाइजर के खिलाफ कार्रवाई करने और लाभुकों का पैसा वापस कराने की गुहार लगाई थी.