भुवनेश्वर | ओडिशा के पूर्व विधायक राममूर्ति गोमांगो को यहां की एक विशेष अदालत ने 27 साल पहले उनकी पत्नी की हुई हत्या के मामले में शनिवार को दोषी करार दिया।
भुवनेश्वर की सांसद (एमपी)/विधायक (एमएलए) अदालत ने 11 गवाहों के बयान और 15 दस्तावेजों के आधार पर गोमांगो को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-302(हत्या) के तहत दोषी ठहराया। अदालत ने आईपीसी की धारा-201 के तहत सबूतों को नष्ट करने का भी दोषी करार दिया। लोक अभियोजक रश्मि रंजन ब्रह्मा ने संवाददाताओं को बताया कि अदालत मंगलवार को सजा सुनाएगी।
पुलिस ने बताया कि 28 सितंबर 1995 में भुवनेश्वर स्थित विधायक के आधिकारिक आवास के स्नानघर में शशिरेखा गोमांगो का अधजला शव मिला था। उसने बताया कि मौत के समय वह गर्भवती थीं। शुरुआत में खारवेलनगर पुलिस थाने में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया था लेकिन बाद में इसे हत्या के मामले में तब्दील कर दिया गया। गोमांगो ने दावा किया था कि उनकी पत्नी ने आत्महत्या की है।
गोमांगो वर्ष 1990 में रायगढ़ा जिले के गुनुपुर से जनता दल के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे। वह इसी सीट से वर्ष 2000 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर दोबारा निर्वाचित हुए लेकिन वर्ष 2004 में कांग्रेस के निकटतम प्रतिद्वंद्वी हेमा गमांग से हार गए। गोमांगो ने वर्ष 2009 में भाजपा द्वारा बीजू जनता दल (बीजद) से नाता तोड़ लेने के बाद भगवा दल छोड़ दिया था। हालांकि, वर्ष 2014 में एक बार फिर वह भाजपा में शामिल हो गए।