ओडिशा के गांव में घुसा बाढ़ का पानी तो परिवार ने हाइवा पर गुजारी पांच रातें
ओडिशा में बाढ़ का प्रकोप जारी है। लगातार बारिश के कारण राज्य की नदियां उफान पर हैं। जहां एक ओर सैकड़ों गांव जलमग्न हैं, वहीं हजारों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। इसी बीच, रविवार को एक घटना सामने आई है, जहां एक परिवार ने पांच दिन और पांच रातें भूखे-प्यासे हाइवा पर गुजारी है। यह परिवार खुर्दा जिले का रहने वाला है।
ओडिशा में बाढ़ का प्रकोप जारी है। लगातार बारिश के कारण राज्य की नदियां उफान पर हैं। जहां एक ओर सैकड़ों गांव जलमग्न हैं, वहीं हजारों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। इसी बीच, रविवार को एक घटना सामने आई है, जहां एक परिवार ने पांच दिन और पांच रातें भूखे-प्यासे हाइवा पर गुजारी है। यह परिवार खुर्दा जिले का रहने वाला है।
बाढ़ का पानी आया तो परिवार के साथ तिरपाल डाल हाइवा पर ली शरण
परिवार के मुखिया संतोष साहू हाइवा चालक हैं। संतोष के अनुसार, बाढ़ आने की जानकारी मिलने के बाद वह हाइवा लेकर अपने परिवार के पास पहुंच गया। घर में माता-पिता, पत्नी व एक बेटी है। उस रात पूरा गांव एक बाढ़ आश्रय स्थल में शरण लेने चला गया। लेकिन, उसके परिवार ने घर नहीं छोड़ा, क्योंकि उनका घर गांव के ऊपरी हिस्से में था। इस बीच बुधवार की रात लगभग नौ बजे के बाद गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया। इस दौरान देखते ही देखते संतोष का घर भी डूबने लगा। इसके बाद संतोष का परिवार भी बाढ़ आश्रय स्थल की ओर जाने के लिए निकला, लेकिन वहां पहुंचने के सभी मार्ग बंद थे। ऐसे में संतोष अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ हाइवा पर चला गया, जिसे उसने गांव की सड़क पर खड़ा कर रखा था। इसके बाद उसने हाइवा पर तिरपाल खींच लिया और सभी वहीं ठहर गए। रात होते-होते गांव पूरी तरह बाहरी दुनिया से कट गया। इसके बाद संतोष ने पांच दिन और पांच रातें अपने परिवार के साथ हाइवा पर ही जैसे तैसे गुजारीं।
मरीन बोट और दमकल वाहिनी ने बचाई जान
महानदी में मौत से जंग लड़ रहे 50 यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। नाव के नाविक की सतर्कता, खरीनासी जेठी पर तैनात बोट तथा दमकल वाहिनी ने कड़ी मशक्कत कर ओडिशा में एक बड़ा हादसा टल दिया। पारादीप की तरफ से एक मोटरचालित नाव 50 यात्रियों को लेकर हर दिन की तरह केंद्रापाड़ा जिले की तरफ लौट रही थी। महानदी में कुछ दूर जाने के बाद नाव नदी की बीच धार में फंस गई। महानदी में पानी का बहाव इतना तेज था कि नाव आगे बढ़ने की की जगह पीछे खिसकने लगी। इस दौरान कुछ लोगों ने इसकी सूचना फोन के जरिये महाकालपड़ा थाना एवं महाकालपड़ा बीडीओ को दी। इसके बाद नदी घाट पर खड़ी एक मोटरचालित नाव को भेजा गया, लेकिन वह नाव भी डूब रही नाव तक पहुंचने के बदले पानी के बहाव में समुद्र की तरफ जाने लगी। इसके बाद घाट पर मौजूद अन्य एक कर्मचारी ने खरिनेसी जेठी में मौजूद मरीन बोट से संपर्क किया गया। तबतक 50 लोगों को लेकर आ रही नाव पानी के बहाव में चार किमी तक बह चुकी थी। इसी बीच बाद मरीन बोट और दमकल वाहिनी की बोट वहां पहुंची और लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।