बगैर अनुमति के आरक्षित वन में कोयला खनन, अवैध कब्जा की शिकायत

आरक्षित जंगल की जमीन पर कब्जा को लेकर एमसीएल प्रबंधन फिर विवाद में घिर गया है

Update: 2021-12-14 09:17 GMT
राउरकेला : वन विभाग की अनुमति के बगैर दो साल से तुमलिया व बलिगा के बीच ललमा आरक्षित जंगल में 80 मीटर क्षेत्र के पेड़ों की कटाई कर खनन करने का मामला सामने आने के बाद विभाग की ओर से जांच शुरू की गई है। कीमती साल, पियासाल, महुआ व केंदु के पेड़ों के काटने का आरोप है। सोमवार को इस मामले में महानदी कोल फील्डस लिमिटेड (एमसीएल) अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है। 80.938 हेक्टेयर जमीन में से अवैध कब्जा कर खनन किया गया है।
एमसीएल की ओर से वन विभाग की बगैर अनुमति के तुमलिया एवं बलिगा से सटे ललमा जंगल की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा कर खनन किया जा रहा है। एमसीएल अधिकारियों की ओर से 2012 में जीमन परिवर्तन प्रक्रिया के लिए वन विभाग से आवेदन किया गया था पर इसके लिए कोई दस्तावेज जमा नहीं किया गया। इस कारण इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ था। अवैध कब्जा की शिकायत के बाद वन विभाग की ओर से इसकी जांच के लिए अनुभवी अधिकारियों को जांच के लिए भेजा जा रहा है। जमीन पर कब्जा कर कितने पेड़ काटे गए हैं, इसकी भी जांच की जा रही है। विभाग की ओर से खनन शुरू करने से पहले इलाके के लोगों से किसी तरह की वार्ता नहीं की गई और न ही इस पर आम सहमति ही बनायी गई है। कुलडा खदान में तीन दशक से विवाद चल रहा है। आरक्षित जंगल की जमीन पर कब्जा को लेकर एमसीएल प्रबंधन फिर विवाद में घिर गया है।
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