झारसुगुड़ा जिला मिनरल फंड शुरू होने के बाद अब तक मिली 875 योजनाओं को मंजूरी
इनमें से 376 योजनाओं का काम पूरा हो चुका है और 367 योजनाओं का काम चल रहा है। शेष 132 योजनाओं का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है
झारसुगुड़ा जिला मिनरल फंड (डीएमएफ) शुरू होने के बाद अब तक 875 योजनाओं को मंजूरी मिली है। इनमें से 376 योजनाओं का काम पूरा हो चुका है और 367 योजनाओं का काम चल रहा है। शेष 132 योजनाओं का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है। डीएमएफ फंड से फंड से अब तक 1485 करोड़ 68 लाख 60 हजार 342 रुपये मंजूर किए गए हैं। इनमें से अब तक 728 करोड़ 86 लाख 50 हजार 917 रुपये विनियोग किए गए हैं। मिनरल फंड के विनियोग में सबसे आगे स्वास्थ्य सेवा का क्षेत्र है, जिसमें 94 प्रतिशत फंड विनियोग किए गए हैं। वहीं दूसरी ओर आर्थिक क्षेत्र में मात्र 0.04 प्रतिशत फंड विनियोग किए गए हैं। जानकारी के अनुसार, जिला मिनरल फंड से पीने का पानी उपलब्ध कराने की योजना के तहत 20 छोटी-बड़ी योजनाओं के लिए पिछले माह तक 617 करोड़ 67 लाख 85 हजार रुपये मंजूर किए गए थे। इनमें से 347 करोड़ 18 लाख 58 हजार 726रु पये खर्च हुए हैं। इनमें से सात छोटी-बड़ी योजनाओं का काम खत्म हो चुका है। वहीं 13 योजनाओं का काम चल रहा है। जिले की तीन महत्वाकांक्षी योजना के तहत वृहद पीने का पानी सप्लाई करने की योजना इसमें अंतरभुक्त है। इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को पाइपलाइन के माध्यम से पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
इसके अलावा जल संचन के लिए 173 योजनाओं के लिए 235 करोड़ 10 लाख 26 हजार 350 रुपये मंजूर किए गए हैं। इनमें से 161 योजनाओं का काम पूरा हो चुका है मात्र 12 योजनाओं का ही काम चल रहा है। डीएमएफ से मिले फंड में से विभिन्न योजनाओं पर 174 करोड़ 68 लाख योजनाओं मे विनियोग किए गए हैं। साधारण सामाजिक व आर्थिक भितिभूमि निर्माण के क्षेत्र में 198 करोड़ 5 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। इसमें से मात्र 8 करोड़ 70 लाख 24 हजार रुपये ही विनियोग हुए हैं। स्वास्थ्य सेवा की 74 योजनाओं के लिए 39 करोड़ 96 लाख मंजूर किए गए हैं। इन योजनाओं में से 50 योजनाओं का काम पूरा हो चुका है। जानकारी के अनुसार डीएमएफ फंड से शिक्षा के क्षेत्र में 110 योजनाओं के लिए 104 करोड़ 91 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। इसमें से अब तक 40 करोड़ रुपये ही विनियोग हुए हैं। परिवेश सुरक्षा व प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में 169 योजनाओं के लिए 61 करोड़ 63 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। इसमें से अब तक 15 योजनाएं पूरी हो चुकी है। 27 करोड़ 56 लाख रुपये विनियोग हुए हैं। इसमें से 137 योजनाओं का काम पूरा हो चुका है। सर्वसाधरण के आवास के लिए 99 लाख 59 हजार रुपये, 47 आजीविका योजनाओं के लिए 48 लाख 17 हजार, छह परिमल योजनाओं के लिए 23 करोड़ 51 लाख रुपये, 16 क्षमता विकास योजनाओं के लिए 16 करोड़ 38 लाख रुपये, 133 महिला व शिशु कल्याण योजना के लिए 16 करोड़ 38 लाख, 39 व्यस्क व दिवयांग जन कल्याण के लिए 16 करोड़ 81 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। 17 वनीकरण योजनाओं के लिए 11 करोड़ 60 लाख, विभिन्न खर्च के बाद 1 करोड़ 39 लाख, साधारण भितिभूमि उन्नयन के लिए 64 करोड़ 64 लाख व प्रशासनिक खर्च के लिए 5 करोड़ 1 लाख रुपये व्यय किए जाएंगे।