नागालैंड में टिहरी के जवान की मौत, गांव में छाया मातम
टिहरी जिले के नौली गांव (हिंसरियाखाल पट्टी) निवासी सेना के पैराटू्र पर गौतम लाल (24) नागालैंड में शहीद हो गए हैं।
टिहरी जिले के नौली गांव (हिंसरियाखाल पट्टी) निवासी सेना के पैराटू्र पर गौतम लाल (24) नागालैंड में शहीद हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक नागालैंड में जवानों ने उग्रवादी समझकर फायरिंग कर दी। इस घटना में सात मजदूर सहित कुल 13 लोगों की मौत हो गई। जिसके बाद वहां हिंसा हो गई और इस हिंसा में गौतम लाल शहीद हो गए। गांव के लाल के शहीद होने की खबर मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। इधर, क्षेत्रीय विधायक विनोद कंडारी ने जवान की शहादत पर शोक जताया है। शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार को जॉलीग्रांट देहरादून लाया जाएगा।
इंटरमीडिएट के बाद सेना में भर्ती हो गए थे
विकास खंड कीर्तिनगर में हिंसरियाखाल क्षेत्र के नौली गांव (नौसिला तोक) के रमेश लाल और रूपा देवी के सबसे छोटे पुुत्र वर्ष 2018 में पैराशूट रेजीमेंट की 21वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। इन दिनों वह नागालैंड ड्यूटी में थे। गौतम पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। उनकी तीन बहनें हैं। पिता रमेश गांव में मेहनत मजदूरी का काम करते हैं। राजकीय इंटर कॉलेज हिंसरियाखाल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के बाद वह सेना में भर्ती हो गए थे।
रविवार सुबह ग्राम प्रधान नौली सुरेशी देवी के मोबाइल फोन पर नागालैंड से किसी सैन्यकर्मी की कॉल आई कि गौतम गोली लगने से शहीद हो गए हैं, जिस पर प्रधान के पति ने गौतम के भाई को उक्त फोन नंबर देते हुए कॉल करने को कहा।
फोन पर मिली शहादत की खबर
गौतम के भाई सुरेश को भी फोन पर उसके शहीद होने की सूचना दी गई। उनकी शहादत की सूचना मिलते ही सुरेश जमीन पर गिरकर रोने लगा। हालांकि माता-पिता को यही बताया कि गौतम गोली लगने से घायल हो गया है। ग्रामीणों व रिश्तेदारों के घर आने का सिलसिला शुरू हुआ, तो अन्य परिजनों को भी उसके शहीद होने का आभास हो गया।
इधर, तहसीलदार कीर्तिनगर सुनील राज ने बताया कि ग्राम प्रधान ने सूचना दी है कि नौली गांव का गौतम नागालैंड में शहीद हो गए हैं। एसडीएम सोनिया पंत के अनुसार आधिकारिक रूप से शहीद के बारे में जानकारी नहीं मिली है, लेकिन यह सूचना मिली है कि गौतम का पार्थिव शरीर सोमवार को जॉलीग्रांट (देहरादून) पहुंचेगा।
अक्तूबर में आए थे घर
गौतम अविवाहित थे। वह अक्तूबर मेें एक माह की छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे। गौतम लगभग हर दो दिन के अंतराल में घर में फोन करके माता-पिता व परिजनों का हाल जानते थे। शुक्रवार को भी उनका फोन आया था। उन्होंने जनवरी में घर आने की बात की थी।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी शहीद गौतम लाल की शहादत को नमन किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर यह शोक संदेश पोस्ट किया है।