नागालैंड के मुख्यमंत्री ने कहा- सरकार शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण पर जल्द करेगी चर्चा
नागालैंड के मुख्यमंत्री ने कहा
नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य के शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर जल्द ही चर्चा करेगी।
रियो ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि यूएलबी में महिलाओं के लिए आरक्षण के प्रस्ताव की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एक समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और इसे अगली कैबिनेट बैठक में चर्चा के लिए लिया जाएगा।
संविधान के 74वें संशोधन के अनुसार महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के साथ यूएलबी चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने नागालैंड नगर और नगर परिषद अधिनियम में आवश्यक संशोधन करने के बाद 2017 में यूएलबी के चुनाव की घोषणा की थी। .
हालांकि 2017 में चुनावों की घोषणा के बाद राज्य में हिंसक विरोध हुआ जिसमें दो लोगों की जान चली गई। सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा और इसके कारण शुरहोजेली लिज़ित्सु द्वारा टी आर जेलियांग को मुख्यमंत्री पद हटा दिया था ।
आदिवासी होहो और कई नागरिक समाज संगठन यूएलबी चुनावों में महिलाओं के लिए आरक्षण का इस आधार पर विरोध कर रहे थे कि यह उनके प्रथागत कानून के खिलाफ था और संविधान के अनुच्छेद 371 (ए) के तहत नागालैंड को दिए गए विशेष प्रावधानों का उल्लंघन था।
अक्टूबर 2021 में राज्य सरकार ने नगर पालिका अधिनियम और महिलाओं के लिए आरक्षण के मुद्दे की समीक्षा के लिए नागालैंड के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया।
समिति में दो महिला प्रतिनिधि-डॉ रोज़मेरी डिज़िविची, नागालैंड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव सोत्सुला भी शामिल थीं। समिति ने नागरिक समाज संगठनों के साथ कई बैठकें की और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
रियो ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल अपनी सिफारिशों पर गहन विचार-विमर्श करेगा। यहां नगर निगम मामलों के निदेशालय के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यूएलबी चुनाव कराने में असमर्थता के कारण नागालैंड को केंद्र सरकार से विकास अनुदान की हानि हो रही है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह अगले छह सप्ताह के भीतर यूएलबी में महिलाओं के आरक्षण को लागू करने और चुनाव कराने के लिए एक फॉर्मूला लाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नागरिक समाजों और आदिवासी निकायों के साथ विचार-विमर्श कर रही है और अपनी सिफारिशें सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी।