कोन्याक यूनियन ने कहा- केंद्र नागालैंड नागरिकों की हत्या में शामिल सुरक्षा कर्मियों पर तुरंत चलाए मुकदमा

कोन्याक यूनियन ने कहा

Update: 2021-12-30 15:16 GMT
प्रभावशाली नागा संगठन कोन्याक यूनियन (Konyak Union) ने इस महीने की शुरुआत में नागालैंड के मोन जिले में "14 नागरिकों की हत्या की घटना में शामिल" सुरक्षा कर्मियों के लिए "तत्काल सजा" की मांग कर दी है। संघ द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि "केंद्र सरकार (Central govt.) को 14 निर्दोष कोन्याक युवाओं की हत्या में शामिल भारतीय सेना और अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के आदेश को तुरंत मंजूरी देनी चाहिए।"
संगठन ने आगे कहा कि "कोन्याक CSO भी चेतावनी देता है कि सच्चाई को विकृत करने के किसी भी कदम को कोन्याक (Konyak) के खिलाफ एक कार्य माना जाएगा। इसलिए, केंद्र सरकार पर यह साबित करने की जिम्मेदारी है कि कोन्याक उसके नागरिक हैं या नहीं "। बयान पर कोन्याक यूनियन (Konyak Union) के अध्यक्ष एस. होइंग कोन्याक (S. Howing Konyak) और अन्य नेताओं ने हस्ताक्षर किए।
जानकारी के लिए बता दें कि कोन्याक (Konyak) नागालैंड में 16 जनजातियों में से एक प्रमुख समुदायों में से एक हैं, जहां 20 लाख आबादी में से 86 प्रतिशत से अधिक आदिवासी समुदाय से हैं। "घोंघा-गति भारतीय न्यायिक प्रणाली" पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए, कोन्याक सिविल सोसाइटी संगठन (CSO) ने चेतावनी दी कि इसमें शामिल सभी एजेंसियों को भारतीय न्यायपालिका प्रणाली के तहत निहित तथाकथित मौजूदा कानूनों का लाभ नहीं उठाना चाहिए।
बयान में कहा गया है, "कोन्याक CSO भी उन गवाहों से किए गए सवालों और पूछताछ से खुश नहीं हैं जो 4 दिसंबर को ग्राउंड जीरो पर मौजूद थे। इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाया जा रहा है।" इसने कहा कि कोन्याक सीएसओ की बैठक के दौरान ओटिंग गांव (Oting village) को "नरसंहार स्थल" घोषित किया गया है।
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