नागालैंड हिंसा मामले में भारतीय सेना का जांच दल घटना स्थल का दौरा करेगा, सेना प्रवक्ता ने कही यह बात
नागालैंड हिंसा मामले में भारतीय सेना का एक दल घटना स्थल का दौरा करेगा.
नागालैंड हिंसा मामले में भारतीय सेना का एक दल घटना स्थल का दौरा करेगा. भारतीय सेना का जांच दल 29 दिसंबर को घटना स्थल का दौरा करेगा. साथ ही उस दिन जांच दल मोन जिले के तिजिट पुलिस स्टेशन में भी जाएगा. रक्षा मंत्रालय के कोहिमा स्थित जनसंपर्क अधिकारी ने यह जानकारी दी है. जनसंपर्क अधिकारी ने जांच दल के दौरे के संदर्भ में हिंसा से जुड़ी कोई भी प्राथमिक सूचना देने वालों और घटना के साक्षियों से जांच दल के सामने टिजिट पुलिस स्टेशन में बयान दर्ज कराने को कहा है.
सेना ने कहा घटना की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है
नागालैंड हिंसा को लेकर भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान में कहा है कि सेना द्वारा आदेशित जांच तेजी से आगे बढ़ रही है और इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. सेना ने अपने बयान में कहा है कि हमने लोगों को जांच में सहयोग के लिए आगे आने और जांच में हमारी सहायता करने को लेकर नोटिस जारी किया है. साथ ही सेना ने अपने बयान में कहा है कि सेना राज्य सरकार द्वारा आदेशित विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच में भी पूरी तरह से सहयोग कर रही है. जिसके तहत एसआईटी को आवश्यक विवरण समय पर साझा किया जा रहे हैं. सेना ने कहा कि वह जनता को आश्वासन देते हैं कि कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
नागालैंड हिंसा में 14 की हुई थी मौत
अक्तूबर के शुरुआती सप्ताह में नगालैंड में हिंसा हुई थी. असल में म्यांमार की सीमा के नजदीक मोन जिले के तिरु इलाके में सुरक्षाबलों की तरफ से कार्रवाई की गई थी. इस दौरान सेना के पैरा कमांडोज ने खुफिया जानकारी के आधार पर ओटिंग गांव में एक 'एम्बुश' लगाया था. इस दौरान एक मिनी ट्रक वहां से गुजरा तो सुरक्षाबलों ने उस पर फायरिंग कर दी. फायरिंग में छह स्थानीय नागरिकों की मौत हो गई. बाद में सभी की पहचान एक कोयला खदान में काम करने वाले मजदूरों के रूप में हुई. इस घटना के बाद गुस्साएं स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों की गाड़ियों में आग लगा दी और सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया. इस हिंसा में एक सेना के जवान समेत कुल 14 की मौत हो गई थी. वहीं बाद सेना ने भी कार्रवाई को लेकर खेद जताते हुए कहा था कि गलत पहचान के कारण सुरक्षा बलों की तरफ से कार्रवाई की गई थी. हालांकि स्थानीय निवासी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर लामबंद हैं.