नागालैंड हिंसा के बाद राज्य में घमासान, कोन्याक संघ ने की मोन जिले में 10 घंटे बंद की घोषणा
नागालैंड हिंसा के बाद राज्य में घमासान चल रहा है
नागालैंड हिंसा के बाद राज्य में घमासान चल रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों में AFSPA को निरस्त करने की मांग ने तूल पकड़ा हुआ है। इसी कड़ी में कोन्याक संघ (Konyak Union) द्वारा नागालैंड के मोन जिले में आज सुबह 6:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक फुल बंद की घोषणा की है।
सुरक्षा बलों द्वारा 4-5 दिसंबर को ओटिंग (Oting) और मोन शहर में 14 नागरिकों की हत्या के विरोध में आज कोन्याक सिविल सोसायटी (Konyak Civil Societies) द्वारा एक शांतिपूर्ण सार्वजनिक रैली का आयोजन किया गया है।
कोन्याक संघ (Konyak Union) के सहायक महासचिव ने एक निर्देश के माध्यम से बताया कि जिला प्रशासन, चिकित्सा आपात स्थिति, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं, पुलिस कर्मियों और परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को बंद से छूट दी जाएगी। कोन्याक संघ ने सभी अधिकारियों और संबंधित नागरिकों से शांतिपूर्ण तरीके से निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है।
जानकारी के लिए बता दें कि यह घटना गलतफहमी के एक मामले के कारण हुई थी क्योंकि सुरक्षा बलों ने गलती से सोचा था कि पीड़ित नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN) के सदस्य थे और इसलिए उन्होंने गोलियां चला दीं। इसके बाद, स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
इसस घटना के बाद से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम, 1958 (AFSPA) को निरस्त करने के लिए आह्वान किया गया था और असम के कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई (Pradyut Bordoloi) ने संसद में इस मुद्दे को उठाया था।
नागालैंड के मुख्यमंत्री (Nagaland CM) ने कहा कि AFSPA का दुरुपयोग किया गया है जबकि NSCM ने दृढ़ता से कहा है कि जब तक अफस्पा को खत्म नहीं किया जाता तब तक शांति वार्ता सफल नहीं होगी।