पूर्वोत्तर में 2025 तक पूरी होंगी 1.76 लाख करोड़ रुपये की कनेक्टिविटी परियोजनाएं : अमित शाह
आइजोल, (आईएएनएस)| केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में 1.76 लाख करोड़ रुपये की सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी परियोजनाओं को 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। मिजोरम में 2,500 करोड़ रुपये की 11 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवरस पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट भारत द्वारा म्यांमार में शुरू की गई सबसे महत्वपूर्ण परियोजना है।
कलादान मल्टी मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट भारत और म्यांमार द्वारा संयुक्त रूप से भारत के पूर्वी बंदरगाहों से म्यांमार के साथ-साथ म्यांमार के माध्यम से भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में कार्गो के शिपमेंट के लिए परिवहन का एक मल्टी-मोडल मोड बनाने के लिए शुरू किया गया था।
शाह ने कहा कि पीएम-देवाइन (पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधान मंत्री विकास पहल) के तहत बजटीय आवंटन में 276 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
गृह मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने पिछले नौ वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र में 53 बार दौरा किया, जबकि केंद्रीय मंत्रियों ने क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ाने के लिए 432 बार दौरा किया। यह क्षेत्र मोदी सरकार के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न चरमपंथी संगठनों के 8,000 उग्रवादियों के आत्मसमर्पण और विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर के साथ, इस क्षेत्र में हिंसक गतिविधियों में काफी हद तक कमी आई है।
शाह ने जोखवासंग में असम राइफल्स के नए बटालियन मुख्यालय का उद्घाटन किया, जो आइजोल शहर से 15 किमी दूर है। वहीं गृह मंत्री ने स्मार्ट सिटी परियोजना, आइजोल बाईपास सड़कों और आइजोल, चम्फाई और ममित जिलों के लिए कई सड़क परियोजनाओं सहित कई ढांचागत परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
उन्होंने राज्य की राजधानी के मध्य में असम राइफल्स मैदान के उत्तरी हिस्से में बनने वाले 193 करोड़ रुपये के लालडेंगा सांस्कृतिक केंद्र की आधारशिला भी रखी।
अधिकारियों के अनुसार असम राइफल्स, जो म्यांमार के साथ मिजोरम की 510 किलोमीटर की सीमा की रखवाली कर रही है, के आइजोल में दो ठिकाने हैं, पहला जोडिन में और दूसरा खातला में है। जोडिन में बटालियन मुख्यालय को जोखवासंग में स्थानांतरित कर दिया गया है।
मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने कहा कि लालडेंगा सांस्कृतिक केंद्र की नींव रखने और असम राइफल्स बटालियन मुख्यालय को स्थानांतरित करने के साथ, विशेष रूप से एमएनएफ और आम तौर पर मिजोरम के लोगों की आकांक्षा एक वास्तविकता बन गई है।
1990 के दशक की शुरुआत से असम राइफल्स को आइजोल शहर के केंद्र से स्थानांतरित करना एमएनएफ की प्रमुख प्रतिबद्धताओं में से एक रहा है।
केंद्रीय अर्धसैनिक बल ने एक झड़प में सात नागरिकों को मार गिराया था। इसके बाद लालडेंगा द्वारा असम राइफल्स को स्थानांतरित करने की मांग पहली बार 1988 में उठाई गई थी। नवंबर 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में एमएनएफ के महत्वपूर्ण वादों में से एक स्थानांतरण भी था।
फरवरी 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम राइफल्स को उस वर्ष 31 मई तक अपने बटालियन मुख्यालय को जोखवासांग में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। हालांकि, विभिन्न कारणों से इसमें देरी हुई।
--आईएएनएस