मणिपुर के 2,000 लोग जातीय हिंसा के बाद पलायन कर पड़ोसी राज्य मिजोरम आए और यहां शरण ली

पलायन कर पड़ोसी राज्य मिजोरम आए और यहां शरण ली

Update: 2023-05-09 14:26 GMT
मणिपुर के 2,000 से अधिक लोग जातीय हिंसा के बाद पलायन कर पड़ोसी राज्य मिजोरम आए और यहां शरण ली है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। राज्य के गृह आयुक्त एवं सचिव एच. लालेंगमाविया ने कहा कि मणिपुर से विस्थापित हुए 2,056 लोगों ने मिजोरम में प्रवेश किया और पूर्वोत्तर के इस राज्य के विभिन्न हिस्सों में शरण ली है।
उन्होंने बताया कि मणिपुर से आये ज्यादातर लोग जातीय (मिजो) समुदाय से हैं और उन्हें उनके रिश्तेदारों ने शरण दी है। सरकार इन लोगों को अस्थायी आवास मुहैया करने की कोशिश कर रही है। मणिपुर के साथ सीमा साझा करने वाले सैतुअल जिले में सर्वाधिक संख्या में 827 लोग आये हैं। इस मामले में दूसरे स्थान पर कोलासिब जिला है, जहां 757 लोग आये हैं। इस बीच उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर में हाल की हिंसा में जान-माल के नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की और इसे मानवीय मुद्दा बताते हुए समान्य स्थिति बहाल करने पर जोर दिया।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा व जे बी पारदीवाला की पीठ ने मणिपुर में मीतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के मणिपुर उच्च न्यायालय के फैसले के बाद भड़की हिंसा में लोगों की सुरक्षा से संबंधित याचिकाओं को 17 मई तक स्थगित करने का फैसला किया।शीर्ष अदालत ने, हालांकि, मणिपुर उच्च न्यायालय के 27 मार्च के उस आदेश पर आपत्ति जताई, जिसमें मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार को केंद्र से सिफारिश करने का निर्देश दिया गया था। शीर्ष अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार की ओर पेश से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बयान का संज्ञान लिया कि मामले में उचित मंच पर कार्रवाई की जाएगी।
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