मेघालय : एक हजार लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी, हो सकते हैं आप भी शिकार
मध्य जिला साइबर सेल की टीम ने तीन नाइजीरियाई को गिरफ्तार किया है। तीनों आनलाइन ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े हैं।
मध्य जिला साइबर सेल की टीम ने तीन नाइजीरियाई को गिरफ्तार किया है। तीनों आनलाइन ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े हैं। गिरोह फर्जी वैवाहिक साइट और इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के जरिये युवक-युवतियों और उनके स्वजन से संपर्क कर शिकार बनाता था। दोस्ती करने के बाद किसी संकट में फंसे होने का झांसा देकर भी रुपये ऐंठ लेते थे।
डीसीपी मध्य जिला श्वेता चौहान के मुताबिक इनके विभिन्न बैंक में अलग-अलग नाम से 25 खाते मिले हैं, जिनमें चार लाख रुपये जमा हैं। रकम को फ्रीज करा दिया गया है। प्रारंभिक पूछताछ से पता चला है कि गिरोह आठ साल के दौरान एक हजार लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। इनके पास से दो लाख रुपये नकद, 15 मोबाइल, 20 सिमकार्ड, दो लैपटाप व चार डोंगल बरामद किए गए हैं। इनकी गिरफ्तारी से मेघालय और आंध्रप्रदेश के मामले भी सुलझा लिए गए हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम पाल ओेनेजी अतुह, सैमुअल अनियागोर चिबुजोर और चार्ल्स पायस चुकवुएबुका हैं।
इस शिकायत पर शुरू हुई थी जांच
मनविंदर कौर ने नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत कर कहा था कि उन्होंने एक वैवाहिक साइट पर प्रोफाइल बनाया था। साइट के माध्यम से अंकित वर्मा नाम के एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया। उसने बताया कि वह कनाडा में रहता है और पेशे से डाक्टर है। बाद में वाट्सएप नंबर का आदान-प्रदान कर चैटिंग शुरू की। पिछले साल 22 दिसंबर को उसने कहा कि वह एयर कनाडा की फ्लाइट से आइजीआइ एयरपोर्ट पर दिल्ली पहुंचा है, लेकिन उसके पास ज्यादा डालर होने के कारण कस्टम अधिकारी ने रोक लिया है।
कुछ ही देर में एक महिला ने दूसरे मोबाइल नंबर से फोन कर बताया कि अंकित वर्मा को एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया है। उसे छोड़ने के एवज में 55,900 रुपये का भुगतान करना होगा। उस पर यकीन करते हुए उपलब्ध कराए गए बैंक खाते में दो किश्तों में रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में फोन करने वाली महिला ने डेढ़ लाख और भेजने की मांग की। तब शक होने पर आगे भुगतान करने से इन्कार कर दिया।
अवैध तरीके से बांग्लादेश सीमा से आया भारत
वैज्ञानिक जांच के आधार पर टीम ने पहले ग्रेटर नोएडा से पाल ओनेजी अतुह और सैमुअल अनियागोर चिबुजोर को गिरफ्तार कर मोबाइल और लैपटाप से विभिन्न फेसबुक और वैवाहिक प्रोफाइल की जांच की। दोनों से पूछताछ के बाद तीसरे आरोपित को भी गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में तीनों ने बताया कि वे विभिन्न वैवाहिक साइट और इंटरनेट मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाते थे। चार्ल्स पायस चुकवुएबुका दिसंबर 2020 में बांग्लादेश सीमा से अवैध रूप से भारत आया था। तब से वह ग्रेटर नोएडा में रह रहा था। लोगों से ठगी गई रकम को बिचौलिए के जरिये नाइजीरिया भेज दिया जाता था। यह गिरोह अन्य एशियाई देशों में भी सक्रिय है।