मणिपुर में वैज्ञानिकों ने चेरी ब्लॉसम की एक नई प्रजाति की खोज की, नाम रखा है "प्रूनस दीनबंधुआना"

मणिपुर में वैज्ञानिकों ने चेरी ब्लॉसम की एक नई प्रजाति की खोज की है। वैज्ञानिक डॉ दीनबंधु साहू के योगदान को सम्मानित करने के लिए उन्होंने इसका नाम "प्रूनस दीनबंधुआना" रखा है।

Update: 2022-04-13 16:18 GMT

मणिपुर में वैज्ञानिकों ने चेरी ब्लॉसम की एक नई प्रजाति की खोज की है। वैज्ञानिक डॉ दीनबंधु साहू के योगदान को सम्मानित करने के लिए उन्होंने इसका नाम "प्रूनस दीनबंधुआना" रखा है। चेरी ब्लॉसम या सकुरा जापान का राष्ट्रीय फूल है। ऐसे में भारत सकुरा मानचित्र में शामिल होने वाला दुनिया का 28वां देश बन गया है

वैज्ञानिकों के अनुसार नवंबर 2016 में दिल्ली विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में प्रोफेसर डॉ साहू ने शिलॉन्ग में भारत के पहले चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल की योजना बनाई, इसने लाखों लोगों को आकर्षित किया और बाद में यह एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम बन गया, जिसका आयोजन पिछले 6 साल से किया जा रहा है
बता दें कि चेरी ब्लॉसम के पौधे 25 से 30 मीटर तक बढ़ते हैं। हालांकि जापान में ये प्रजाति मार्च से अप्रेल महीने के भीतर खिलती है। वहीं यहां की नई प्रजाति नवंबर में अपने रंग बिखेरती है। 2014 में डॉ साहू ने शिलांग की यात्रा के दौरान शहर में एक चेरी ब्लॉसम का पेड़ पूरे तरह से खिले हुए देखा फिर उन्होंने भारत में चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल शुरू करने के बारे में सोचा


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