मणिपुर में हिंसा की घटनाओं में आई कमी,केंद्र ने दिया 101.75 करोड़ रुपये का राहत पैकेज

Update: 2023-06-08 19:12 GMT

केंद्र सरकार ने गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद हिंसा प्रभावित मणिपुर में विस्थापित लोगों के लिए 101.75 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मंजूरी दी है. राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने गुरुवार (8 जून) को यह जानकारी दी.

कुलदीप सिंह ने यह भी कहा कि मणिपुर में स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है. राज्य में पिछले 48 घंटों में हिंसा की कोई घटना नहीं हुई है. उन्होंने कहा, “मणिपुर में विस्थापितों को राहत देने के लिए गृह मंत्रालय ने राहत पैकेज को मंजूरी दी है. अपनी हालिया मणिपुर यात्रा के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सरकार को विस्थापित लोगों के लिए राहत पैकेज के वास्ते गृह मंत्रालय को अनुरोध भेजने का निर्देश दिया था.”

कर्फ्यू में ढील देने की घोषणा

मणिपुर में इंफाल पूर्वी जिले के पोरोमपत थाना क्षेत्र में पिछले 24 घंटों में 27 हथियार, 245 कारतूस और 41 बम बरामद किए गए हैं, जबकि राज्य के बिष्णुपुर जिले से एक शस्त्र और दो बम बरामद किए गए हैं. सुरक्षा सलाहकार ने कमणिपुर में हिंसा की घटनाओं में आई कमी,केंद्र ने दिया 101.75 करोड़ रुपये का राहत पैकेजहा कि अब तक कुल 896 हथियार, 11,763 कारतूस और कई प्रकार के 200 बम बरामद किए गए हैं. घाटी के पांच जिलों में 12 घंटे और पड़ोसी पहाड़ी जिलों में 10 घंटे से आठ घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील देने की घोषणा की गई है. वहीं छह पहाड़ी जिलों में कर्फ्यू लागू नहीं है.

सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-37 पर आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही सुनिश्चित की गई है. वहीं गुरुवार को 294 खाली वाहन इंफाल से जिरीबाम के लिए रवाना हुए हैं. कुल 220 लदे वाहन नोनी से रवाना हुए हैं और 198 लदे टैंकर और ट्रक जिरिबाम से रवाना हुए हैं. सिंह ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों ने संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा किया है और वहां डेरा डाले हुए हैं. सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

हिंसा में कितनी मौत और कितने घायल?

अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा, राज्य और केंद्रीय बलों के संयुक्त टीमों ने राज्य के कई हिस्सों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है. मणिपुर के मंत्री और विधायक राज्य के कई क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. और जनता तथा नागरिक समाज संगठनों से मिल कर शांति और सामान्य हालात बहाल करने की अपील कर रहे हैं. सिंह ने कहा कि सुरक्षा बल नागरिक समाज संगठनों और ग्राम प्रधानों के साथ बैठकें भी कर रहे हैं और गश्त भी लगा रहे हैं.

मेइती समुदाय की ओर से अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में मणिपुर के पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ का आयोजन किया गया था. जिसके बाद तीन मई को राज्य में पहली बार जातीय हिंसा हुई थी. हिंसा में अबतक करीब 100 लोगों की मौत हो चुकी है और वहीं 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.

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