मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इंटरव्यू में कही ये बात...

केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के 8 साल पूरे होने का जश्न भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बड़े धूमधाम से मनाने जा रही है

Update: 2022-05-25 08:46 GMT

नई दिल्लीः केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के 8 साल पूरे होने का जश्न भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बड़े धूमधाम से मनाने जा रही है. इससे पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता एन बीरेन सिंह ने न्यूज़18 से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पूर्वोत्तर में आए बदलाव, मोदी सरकार के प्रभाव और पीएम के साथ अपनी व्यक्तिगत मुलाकातों पर खुलकर चर्चा की. आइए बताते हैं, उनकी बातचीत के अंश-

सवालः नरेंद्र मोदी के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
बीरेन सिंहः प्रधानमंत्री जी अलग तरह के नेता हैं. वह लेजेंडरी हैं. भाजपा में आने से पहले मैंने कई नेताओं के साथ काम किया, लेकिन वह (पीएम) बहुत अलग हैं. वह आइडिया तैयार करते हैं और हमारे साथ शेयर करते हैं. वह राजनीतिक लाभ के लिए काम नहीं करते. उनकी सोच आम आदमी के लिए है, जनता के लिए है.
बीरेन सिंहः बहुत अच्छा सवाल है. उत्तर-पूर्व का निवासी होने के नाते मैं बताना चाहता हूं कि मैं पहले क्या महसूस करता था और अब क्या महसूस करता हूं. मोदी जी के आने से पहले भारत की मुख्य धारा की पार्टियां हमें तवज्जो नहीं देती थीं. जब हम केंद्र के पास जाकर कुछ कहना चाहते थे, तो हमें ऐसे मौके नहीं दिए जाते थे, जैसे आज मिलते हैं. आज दिल्ली जाने पर हर कोई मेरी मदद को तैयार रहता है. उदाहरण के लिए, 2017 में सरकार बनने के तुरंत मैं दिल्ली गया था. पीएम ने 'घर-घर जल' योजना की घोषणा की थी. तब मैंने 3,500 करोड़ रुपये का एक प्रस्ताव दिया. मणिपुर जैसे राज्य के लिए 3,500 करोड़ बड़ी बात थी. हमें उम्मीद नहीं थी कि योजना को मंजूरी मिल पाएगी, लेकिन बैठक के बाद पीएम ने सीनियर सेक्रेटरी से कहा कि कुछ कीजिए. एक हफ्ते के भीतर ही योजना को मंजूरी मिल गई, सात महीने में प्रोजेक्ट शुरू हो गया.
सवालः इसका मतलब पूर्वोत्तर पर अब जोर दिया जा रहा है?
बीरेन सिंहः हम अब गर्व से कह सकते हैं कि हम भी भारतीय हैं. पहले हमारे साथ ठीक से बर्ताव नहीं होता था. तब केंद्रीय मंत्रियों के हाव-भाव से साफ दिखता था कि वो हमें नीची नजर से देखते हैं. अब हालात बिल्कुल अलग हैं. मोदी जी पूर्वोत्तर को अपना परिवार मानते हैं. पिछले सात-आठ सालों में मोदी जी 50 से ज्यादा बार पूर्वोत्तर का दौरा कर चुके हैं. उनके कैबिनेट मंत्री आकर पूछते हैं कि कोई जरूरत तो नहीं है. इससे यह अहसास बढ़ता है कि हम एक परिवार हैं.
सवालः आपको पीएम मोदी के बारे में कौन सा दिलचस्प किस्सा याद है?
बीरेन सिंहः वह पूर्वोत्तर के लोगों का बहुत खयाल रखते हैं. उन्होंने मणिपुर की संस्कृति का खयाल रखा. क्या आप लीरम फी (पारंपरिक मणिपुरी तौलिया) के बारे में जानते हैं? जब मैं दिल्ली गया और उन्हें लीरम फी भेंट करते हुए बताया था कि सर, यह एक मशहूर चीज है. हमने देखा कि गंगा में पवित्र डुबकी लगाते समय उन्होंने इसे पहना. उन्होंने मुझसे कहा कि वह हमारे लीरम फी के बारे में जानते हैं और यह भारत की गौरवशाली संस्कृति का हिस्सा है. यह सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा. पीएम जिस तरह से मणिपुर के खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हैं, वह बहुत अच्छा है. वह दूरदर्शी हैं. वह सबसे अलग हैं.
सवालः संकट की स्थिति में वह एक सीनियर के रूप में कैसा बर्ताव करते हैं?
बीरेन सिंहः मणिपुर छोटा राज्य है, लेकिन जटिल है. जब मैं महत्वपूर्ण मुद्दे उठाता हूं, तो वह मेरी बात सुनते हैं और हमारा मार्गदर्शन करते हैं. उन तक पहुंचना मुश्किल नहीं है. वह रोडमैप बताते हैं. एक बार एक गंभीर स्थिति सामने आ गई थी. मैंने उन्हें बताया, उन्होंने धैर्य के साथ पूरी बात सुनी. फिर मुझसे कहा कि बीरेन, आपकी मांग सही है. उन्होंने मुझसे कहा कि आप अमित (शाह) भाई से जाकर मिलो. उनके पास फीडबैक होगा. वह इसके बारे में ज्यादा स्पष्ट तरीके से जानते हैं. फिर मैं अमित जी के पास गया. यह सब एक परिवार की तरह है.
सवालः आप मोदी सरकार को कितने अंक देना चाहेंगे?
बीरेन सिंहः शत-प्रतिशत से अधिक. आप पूर्वोत्तर और राष्ट्र में परिवर्तन को देखिए. देखिए, मणिपुर कैसे बदल गया है. इनर लाइन परमिट से AFSPA घटा दिया गया है. यहां पर इकलौता राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय है. मणिपुर के शहीदों का अंडमान में सम्मान किया गया है. उन्होंने (पीएम ने) मणिपुरियों की भावनाओं को छुआ है. वह 100 से अधिक अंकों के हकदार हैं. पहले हमें शर्म आती थी, लेकिन अब हम उनकी वजह से भारतीय हैं.
सवालः आप प्रधानमंत्री से क्या कहना चाहते हैं?
बीरेन सिंहः मैं सच में पीएम मोदी और उनकी टीम की सराहना और सम्मान करना चाहता हूं. मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वह 15 साल से अधिक समय तक बने रहें क्योंकि मोदी जी जैसा नेता मिलना बहुत मुश्किल है. वह एकमात्र ऐसे नेता हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारा नेतृत्व कर सकते हैं. अगर वह बने रहे तो हमारा देश दुनिया में सबसे ऊपर होगा.
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