मणिपुर: सेना के जवान का अपहरण फिर की हत्या, जांच में जुटी लोकल पुलिस

जांच में जुटी लोकल पुलिस

Update: 2023-09-18 11:25 GMT
इंफाल : मणिपुर में एक सेना के जवान की हत्या कर दी गई। मणिपुर के एक गांव में सेना के एक जवान को उसके घर से पहले अपहरण किया गया और उसके बाद हत्या कर दी गई। सेना में कार्यरत सर्टो थांगथांग कोम छुट्टी पर थे। उन्हें शनिवार को इंफाल पश्चिम जिले में उनके घर से अपहरण कर लिया गया। जबकि रविवार सुबह उनका शव मिला। शनिवार सुबह करीब 10 बजे अज्ञात हथियारबंद लोगों ने सेना के जवान को उनके घर से अपहरण किया था।
जब सेना के जवान का अपहरण हुआ तो उनका 10 वर्षीय बेटा भी उनके साथ मौजूद था। चश्मदीद बेटे के अनुसार तीन हथियारबंद लोग उनके घर में दाखिल हुए, जब उनके पिता और वह बरामदे पर काम कर रहे थे। उनके बेटे ने पुलिस को बताया कि उन लोगों ने जवान के सिर पर पिस्तौल रख दी और एक सफेद वाहन में जबरदस्ती ले गए।
थांगथांग कोम का शव इंफाल पूर्व में मोंगजम के पूर्व खुनिंगथेक गांव में मिला। जवान के पहचान की पुष्टि उनके भाई और बहनोई ने की। उन्होंने शव की पुष्टि करने के बाद बताया कि थांगथांग के सिर पर एक गोली का घाव भी था।
वहीं अपने जवान की मौत पर सेना ने एक बयान में कहा, “हम सिपाही सर्टो थांगथांग कोम की हत्या की कड़ी निंदा करते हैं और इस कठिन समय में उनके परिवार के साथ खड़े हैं।” एक आधिकारिक बयान के अनुसार अंतिम संस्कार परिवार की इच्छा के अनुसार किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि सेना ने परिवार की हरसंभव मदद के लिए एक टीम भेजी है।
गौरतलब है कि इसके पहले मणिपुर में एक पुलिस कर्मी की ड्यूटी के दौरान हत्या कर दी गई थी। कुकी समुदाय से आने वाले पुलिस अधिकारी उप-निरीक्षक ओंखोमांग हाओकिप मैतई प्रभुत्व वाले बिष्णुपुर जिले में तैनात थे। लेकिन वे अपनी पोस्टिंग से भाग गए और कुकी प्रभुत्व वाले चुराचांदपुर में सुरक्षा की तलाश में चले गए। चार महीने बाद उनकी ड्यूटी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। अगस्त के अंत में चुराचांदपुर-बिष्णुपुर सीमा पर तीन दिनों की भारी गोलीबारी के बाद चिंगफ़ेई में चौकी बनाई गई थी। यही उनकी हत्या हुई।
कुछ साल पहले हुई थी डीएससी में नियुक्ति
मृतक जवान थांगथांग 8वीं असम रेजिमेंट से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद कुछ साल पहले डीएससी में फिर से नियुक्त हुए थे। वे छुट्टी पर घर गए हुए थे और सोमवार को उसे ड्यूटी ज्वाइन करनी थी। उनकी पत्नी सोमिवोन कॉम ने कहा कि उनका परिवार अपने दो बच्चों की पढ़ाई के लिए हैप्पी वैली इलाके में रह रहा है।
कोम यूनियन मणिपुर (केयूएम) के अध्यक्ष, सर्टो अहोउ कोम ने कहा, 'कोम आदिवासी समुदाय मणिपुर में अल्पसंख्यक है। यह एक शांतिप्रिय समाज है और यह किसी समुदाय के साथ शामिल या पक्षपात नहीं करता है।'
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