मणिपुरः असम राइफल्स के जवानों के हत्थे चढ़ा प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का सदस्य

Update: 2022-06-18 09:55 GMT

मणिपुर पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में असम राइफल्स (एआर) के जवानों ने बिष्णुपुर जिले में प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक विद्रोही को पकड़ा। इनपुट के आधार पर कीथेलमनबी बटालियन के एआर सैनिकों ने पुलिस टीम के साथ ऑपरेशन शुरू किया। एआर ने एक बयान में कहा कि आरोपी को जिले के नंबोल पुलिस थाने को सौंप दिया गया है। एआर की खौपुम बटालियन ने नोनी जिले के नुंगबाई गांव में सुरक्षा और समन्वय बैठक का आयोजन किया।

आपको बता दें कि कुछ सप्ताह पहले ही मणिपुर में सक्रिय उग्रवादी संगठन यूनाइटेड ट्राइबल लिबरेशन आर्मी के 14 कार्यकर्ताओं ने राज्य के सीएम एन बीरेन सिंह के सामने सरेंडर कर दिया था। उग्रवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने इंफाल में फर्स्ट मणिपुर राइफल्स बटालियन के बैंक्वैट हॉल में 'घर वापसी समारोह' में सरेंडर किया। कार्यकर्ताओं ने भारी मांत्रा में हथियार और गोला-बारूद भी सरकार को सौंप दिए। यूनाइटेड ट्राइबल लिबरेशन आर्मी से ताल्लुक रखने वाले कैडरों ने अपने चीफ तोन्थांग सिंगसिट के साथ सीएम के सामने सरेंडर किया। इसके साथ-साथ संगठन के कार्यकर्ताओं ने दो एचके-33 राइफल, एक एके राइफल, कई छोटे हथियारों के साथ एक चीन हैंड ग्रेनेड पर भी सौंप दिए।

इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा था कि हिंसा स्थायी समाधान नहीं ला सकती है। उन्होंने बाकी लोगों से भी मुख्यधारा में लौटने और सामान्य जीवन जीने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा, जो लोग घर वापसी चाहते हैं, उनके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही सार्वजनिक रूप से घोषणा कर दी थी कि जघन्य अपराध में शामिल लोगों को छोड़कर सभी को किसी भी तरह के मामले या फिर प्राथमिकी से छूट दी जानी चाहिए ताकि वे अपना सामान्य जीवन जी सकें।

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