2017 में NPP किया था बुरा हाल, 'केइशामथोंग सीट' पर 2002 के बाद जीत नहीं पाई है कांग्रेस

2017 में NPP किया था बुरा हाल

Update: 2022-02-07 14:16 GMT
मणिपुर में विधानसभा चुनाव (Manipur Assembly Election) की घोषणा के बाद सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए है। हालांकि चुनाव आयोग ने राज्य में किसी तरह की रैली, जनसभा पर रोक लगा रखी है। फिर भी मणिपुर राज्य में राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। मणिपुर का 'केइशामथोंग विधानसभा सीट' (Keishamthong assembly seat) महत्वपूर्ण सीटों में से एक है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव (Assembly elections 2017) में इस सीट पर नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने जीत दर्ज की थी।
लेकिन इस बार इस सीट पर किसका कब्जा होगा यह जनता को तय करना है। इस सीट पर रविवार, 27 फरवरी 2022 को चुनाव होने हैं। बता दें कि 'केइशामथोंग विधानसभा सीट' (Keishamthong assembly seat) मणिपुर के इंफाल वेस्ट जिले में आती है। केइशामथोंग सीट (Keishamthong seat) पर 2017 के विधानसभा चुनाव में कुल 43.28 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस सीट पर नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के लंग्पोक्लकपम जयंतकुमार सिंह (Langpoklakpam Jayantakumar Singh) ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस प्रत्यासी लैसोम इबोम्चा सिंह (Laisom Ibomcha Singh) को 3261 वोटों के हराया था।
गौर हो कि 'केइशामथोंग विधानसभा सीट' आंतरिक मणिपुर के अंतर्गत आती है। इस संसदीय क्षेत्र के सांसद के के रंजन सिंह (MP KK Ranjan Singh) हैं, जो भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता हैं। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में कांग्रेस के ओइनम नबा किशोर सिंह (Oinam Naba Kishore Singh) को 17755 वोटों से हराया था।
बता दें कि 1967 से अबतक 'केइशामथोंग विधानसभा सीट' (Keishamthong assembly seat) पर 12 बार चुनाव व एक बार उपचुनाव हुए हैं जिसमें 5 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है। लेकिन साल 2007 के बाद कांग्रेस को यहां जीत हासिल नहीं हुई है। 2012 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी (NCP) को इस सीट पर जीत हासिल हुई थी। वहीं 2017 में एनपीपी (NPP) ने जीत दर्ज की थी। बता दें कि राज्य में एनपीपी बीजेपी सरकार में गठबंधन साथी है। गौरतलब है कि कि मणिपुर में इस बार दो चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण के लिए 27 फरवरी और दूसरे और अंतिम चरण के लिए 3 मार्च को वोटिंग होगी। वहीं मतो की गिनती 10 मार्च को होगी।
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