कांग्रेस ने मणिपुर में जारी हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए वहां तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
कांग्रेस ने मणिपुर में जारी हिंसा
कांग्रेस ने मणिपुर में जारी हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए वहां तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की और कहा कि हैरानी इस बात की है कि जब राज्य पूरी तरह से हिंसा की चपेट में है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह वहां के संकट को सुलझाने के लिए कदम उठाने की बजाय कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वोट पाने के लिए व्यस्त हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि देश की विडंबना है कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री कर्नाटक के चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं और दूसरी तरफ मणिपुर जल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह क्या आपमें यह नैतिकता नहीं बची कि अपना सारा ध्यान मणिपुर पर दें। उन्होंने कहा कि मणिपुर में स्थिति बहुत चिंताजनक हो चुकी है और हिंसा का दौर थम नहीं रहा है इसलिए वहां तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू कर शांति बहाल की जानी चाहए। मणिपुर सचमुच में चार दिन से जल रहा है। राज्य के 16 में से आठ जिलों में कर्फ्यू लगा है। भारतीय जनता पार्टी सांसद की राज्यसभा ऑलम्पिक खिलाड़ी मेरीकॉम ने कहा है कि मणिपुर को बचा लीजिए।
पार्टी नेता अजय माकन ने ट्वीट कर सरकार से सवाल किया कि जब मणिपुर जल रहा है तो प्रधानमंत्री चुप कैसे रह सकते हैं और वहां जारी हिंसा को नजरअंदाज कैसे कर सकते हैं। राज्य में देखते ही गोली मारने के आदेश दिये गये हैं और ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री दिल्ली से ही स्थिति का जायजा लेते रहेंगे। मोदी के लिए चुनाव प्रचार करना और वोट बटोरना मणिपुर की समस्या के समाधान के लिए कदम उठाने से ज्यादा जरूरी हैं। उनको चुनाव में व्यस्त रहने की बजाय मणिपुर में स्थिति सामान्य बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि मणिपुर हिंसा के कारण जब सचमुच जल रहा है तो ऐसे माहौल में प्रधानमंत्री कर्नाटक में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री के पास पूरी दुनिया में केवल कर्नाटक में प्रचार करने के लिए समय है। इससे यह पता चलता है कि भाजपा सरकार की प्राथमिकताएं ही गलत है।