अमित शाह के विपक्ष पर 10 बड़े प्रहार : मणिपुर में जो हुआ वो शर्मनाक, उसपर राजनीति करना और भी शर्मनाक

Update: 2023-08-09 14:22 GMT
लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को दूसरे दिन की बहस राहुल गांधी की स्पीच के साथ शुरू हुई. स्मृति ईरानी ने पलटवार किया. इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब दिया. शाह ने विपक्ष और खासकर कांग्रेस पर जमकर वार किए. मोदी सरकार की तमाम उपलब्धियां गिनाते हुए अमित शाह ने कहा कि विपक्ष को मोदी सरकार पर अविश्वास है, जनता को नहीं. जनता तो मोदी सरकार के साथ ही है. मणिपुर का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, "मणिपुर पर सियासत शर्मनाक है."
लोकसभा में अमित शाह के भाषण की खास बातें:-
मणिपुर हिंसा को लेकर अविश्वास प्रस्ताव पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि हिंसा का कोई समर्थन नहीं करता. जो घटना हुई वह शर्मनाक है. उसपर राजनीति करना और भी शर्मनाक है. शाह ने कहा, "एक भ्राति फैलाई गई है कि सरकार मणिपुर पर चर्चा नहीं चाहती. मैंने अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी थी. विपक्ष चर्चा नहीं चाहता था. आप गृह मंत्री को बोलने ही नहीं देना चाहते हो."
नॉर्थ ईस्ट राज्यों पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि अब मणिपुर में हिंसक घटनाओं में कमी आई है. देश में ऐसे भी पीएम रहे हैं जो अपने 15-18 साल के कार्यकाल में एक बार भी नॉर्थ ईस्ट नहीं गए, बावजूद इसके विपक्षी दलों को उनपर नाज है. वहीं पीएम मोदी 9 साल में 50 से ज्यादा बार नॉर्थ ईस्ट गए हैं.
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष कहता है कि मोदी ध्यान नहीं रखते. मैं बताना चाहता हूं कि 3, 4 और 5 मई को पीएम लगातार एक्टिव थे. 3 मई को ही वहां हिंसा शुरू हुई थी. रात को 4 बजे मोदी ने फोन पर मुझसे मणिपुर पर बात की. फिर अगले दिन 6.30 बजे फिर फोन करके मुझे उठाया और चर्चा की. तीन दिन तक हमने लगातार काम किया. 16 वीडियो कॉन्फ्रेंस की. वायुसेना का इस्तेमाल किया. डीजीपी बदला. वहां के सीएम सहयोग कर रहे हैं.
उन्होंने विपक्षी गठबंधन पर भी तंज कसे. शाह ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ने अपना नाम बदल लिया, जबकि UPA ठीक नाम था. 10 साल सत्ता में भी रह लिए. मैं बताता हूं- 12 लाख करोड़ से ज्यादा के घपले-घोटाले UPA के नाम पर दर्ज थे, कैसे जाते बाजार में. जो कंपनी दिवालिया हो जाती है वो भी नाम बदल लेती है. इन्होंने भी नाम बदल लिया. इनके पास कोई और रास्ता नहीं था. हमें कोई नाम बदलने की जरूरत नहीं है क्योंकि अटल सरकार और अब के 9 साल में कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे सिर झुकाना पड़े, NDA गठबंधन सीना तानकर चुनाव में जाएगा.
अमित शाह ने कहा, "अब तक लोकसभा में 27 अविश्वास और 11 विश्वास प्रस्ताव आ चुके हैं. इस बार पीएम मोदी और मंत्रिमंडल के प्रति किसी को अविश्वास नहीं है. इसका मकसद सिर्फ जनता में भ्रांति पैदा करना है. दो तिहाई बहुमत से दो बार NDA को चुना गया. सरकार अल्पमत में होने का मतलब ही नहीं है."
देश की सुरक्षा पर बोलते हुए शाह ने कहा कि यूपीए सरकार (2004-14) के दौरान सरहद पार से आतंकी घुसते और जवानों के सिर काटकर ले जाते थे. कोई जवाब नहीं देता था. हमारी सरकार में दो बार पाकिस्तान ने हिमाकत की. दोनों बार (सर्जिकल और एयर स्ट्राइक) पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकियों का खात्मा किया.
चीन का जिक्र करते हुए अमित शाह ने आरोप लगाया कि चीन की सीमा पर हमारी तोपें ना पहुंच पाए ऐसी स्थिति थी. सड़क ही नहीं बनाई थी, नक्शा ही देखते रहते थे. लेकिन मोदी और राजनाथ सिंह ने सीमा के अंतिम गांव तक, भारत के प्रथम गांव तक सड़क पहुंचाई.
अमित शाह ने आगे राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इस सदन एक ऐसे नेता हैं जिनको 13 बार राजनीति में लॉन्च किया गया. हर बार उनकी लॉन्चिंग फेल हुई. उनकी एक ऐसी ही लॉन्चिंग संसद से हुई थी.
कोरोना पर बात करते हुए अमित शाह बोले कि कोरोना काल में अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने जनता से कहा कि ये मोदी वैक्सीन है लेना मत. लेकिन जनता ने मोदी पर विश्वास जताया और सभी डोज लगवाईं. शाह ने कहा कि विरोधी पार्टियों को मोदी में अविश्वास हो सकता है लेकिन देश की जनता को नहीं. वो मोदी के साथ है.
शाह ने कहा, "कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया. लेकिन गरीबी जस की तस रही. लेकिन मोदी ने इस समस्या को समझा क्योंकि उन्होंने गरीबी देखी थी. कांग्रेस कर्ज माफ करने का लॉलीपॉप देती थी, वहीं बीजेपी का एजेंडा है कि किसान को कर्ज ही ना लेना पड़े."
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