Maharashtra महाराष्ट्र: वाल्मीक कराड सरेंडर केस: बीड में पवन चक्की उद्यमी से रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार वाल्मीक कराड पर सरेंडर करते समय अजित पवार के काफिले में शामिल एक वाहन को अगवा करने का आरोप लग रहा है. विपक्ष का दावा है कि जब अजित पवार मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख के परिवार से मिलने आए थे, तब यह वाहन भी अजित पवार के काफिले में था. हालांकि इस वाहन के मालिक ने कई आरोपों से इनकार किया है. इस वाहन के मालिक शिवलिंग मोराले ने टीवी 9 से बातचीत करते हुए कई बातों का खुलासा किया है.
शिवलिंग मोराले की कार में वाल्मीक कराड ने सीआईडी दफ्तर में सरेंडर किया. वह कार उनके पास कैसे पहुंची? पूछे जाने पर शिवलिंग मोराले ने कहा, मुझे मीडिया के जरिए पता चला कि वाल्मीक कराड सरेंडर करने जा रहे हैं. इसलिए मैं पहले ही सीआईडी दफ्तर चौक पर जाकर रुक गया था. अचानक मुझे वाल्मीक कराड दिखाई दिए. मैंने कार रोकी. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उन्हें सीआईडी दफ्तर ले जाकर छोड़ दूं. इसलिए मैंने उन्हें अपनी कार में बिठाया, मैंने खुद कार चलाई. जिस कार में वह आया था, उसमें बैठे दो लोग भी मेरी कार में बैठ गए और कार चली गई। वहां से मैं उसे सीआईडी ऑफिस ले गया और उसे उतारकर मैं बाहर आ गया। वाल्मीक कराड के साथ आए दो लोगों को मैं नहीं जानता था। मेरी कार का इस्तेमाल सरेंडर करने के लिए किया गया था। मुझे नहीं पता कि वह और कहां था।