किसानों के समक्ष प्रकट हुए वनराज, गाढवी नदी तट पर के खेत की घटना

किसानों के समक्ष प्रकट हुए वनराज

Update: 2022-08-20 18:33 GMT
गड़चिरोली. बाढ़ के पानी से बचे धान के साथ सब्जी फसलों को पानी देने के लिए किसानों को 8 घंटे के कृषि बिजली निति के कारण दिन, रात कभी भी खेत पर जाना पड़ता है. किंतू खेत परिसर में वनराज का विचरण होने से यहीं 8 घंटे किसानों के जान पर बन आ रहे है. शुक्रवार 19 अगस्त को शाम 5 बजे के दौरान देसाईगंज तहसील के किन्हाजा से झरी गांव के दौरान गाढवी नदी पुलिया के पास खेत पर जानेवाले किसानों के समक्ष साक्षात वनराज प्रकट होने से किसानों में हडकंप मच गया. बाढ़, 8 घंटे बिजली निति तथा बाघ ऐसे तिहरे संकट में किसान फंस गया है.
एक ओर बाढ़ से फसले नष्ट हुई तो दुसरी ओर 8 घंटे बिजली पर फसलों को पानी देते हुए किसानों के पसीने छूट रहे है. इस बिच अब बाघ भी खेतों पर विरण करने से किसानों पर संकटों का पहाड टुट रहा है. देसाईगंज (वडसा) तहसील के गाढवी नदी के उस पार किन्हाला-मोहटोला से इस ओर झरी, फरी, उसेगाव, शिवराजपूर से वैनगंगा नदी समिप का कुरुड तथा कोंढाला गांव तक सैकड़ों हेक्टेयर खेत में धान फसल तथा सब्जी फसले बडी मात्रा में लिए जाते है.
धान फसलों की कटाई की बाज सब्जी फसलों में बहार आती है. किन्हाला, मोहटोला, डोंगरगाव (हलबी), झरी, फरी, शिवराजपूर के किसान करेला, बैंगन, टमाटर, मिर्च यह सब्जी फसलों की बुआई करते है. किंतू फिलहाल बाढ़, बिजली तथा बाघ ऐसे तिहरे संकट में किसान पिसता जा रहा है. 8 घंटे कृषि बिजली की निति तथा समयसारिणी मुंबई में निश्चित होती है. किंतू उसपर अंमल तहसील, शहर स्तर के अधिकारी अभियंता करते है. ऐसी जानकारी महावितरण के एक अभियंता ने दी.
खेतों की स्थिती बिकट
बिते वर्ष से 8 घंटे कृषि बिजली निति लागू होने से खेती की स्थिती बिकट हुई है. 2 वर्षो से वैनगंगा तथा गाढवी नदी तट पर स्थित खेत जमिन का बाढ़ से नुकसान हो रहा है. बाकी वर्ष में धान, सब्जी फसल ले तो 8 घंटे बिजली निति का अप्राकृतिक संकट किसानों को झुलसा रहा है. ऐसे में अब देसाईगंज तहसील के दक्षिण क्षेत्र में बाघ का आतंक है.
रात के दौरान खेत जाने की नौबत
नदी को आनेवाली बाढ़ यह प्राकृतिक आपदा है. वह छोड अन्य 2 संकट यह मानवनिर्मित है. 8 घंटे कृषि बिजली निति से किसान कैसे खेती करे. 8 घंटे में धान की खेती करते हुए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. जिससे खेती नुकसानदेह साबित हो रही है. अब 8 घंटे बिजली किसी भी समय शुरू की जाती है. रात के दौरान भी खेतों में पानी देने के लिएए जाना पड़ता है.
बाघ का बंदोबस्त करे
8 घंटे के के कृषि बिजली निति से किसान त्रस्त हुआ है. ऐसे में बाघ का संकट भी किसानों के समक्ष निर्माण हुआ है. 1, 2 वर्षो से इस परिसर में विचरण करनेवाले बाघ ने किसान, आम नागरिकों की जान ली है. खेत परिसर में बाघ के विचरण करने से किसानों का खेत पर जाना मुश्किल हुआ है. 8 घंटे बिजली शुरू तथा बंद करने के लिए खेत पर जाना पड़ता है. ऐसे में बाघ के चलते किसानों की जान को जोखिम हो सकती है. जिससे इस परिसर के किसान दहशत में है. वनविभाग तत्काल बांध का बंदोबस्त करे तथा महावितरण भी 8 घंटे बिजली दिन में दे ऐसी मांग इस परिसर के किसानों द्वारा की जा रही है.
बाघ का विडीओ वायरल
इस बीच आज दोपहर देसाईगंज तहसील के फरी गांव समिप खेत परिसर में वनराज नजर आए. बाघ दिखते ही ग्रामीणों ने बाघ का पिछा करने का विडीओ सोशल मिडीया पर वायर होने का दिखाई दिया. जिससे किसानों में काफी दहशत निर्माण हुई है.

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