Tribal निवासियों ने PM की बदौलत अपने 'पक्के' घर का सपना साकार किया

Update: 2024-11-16 15:18 GMT
Yavatmal यवतमाल: मोदी सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) गरीब और हाशिए पर पड़े नागरिकों के लिए बहुत बड़ा लाभ लेकर आ रही है, जिससे कई लोगों के 'पक्के' घरों के सपने साकार हो रहे हैं। यवतमाल जिले के उमरखेड़ तहसील के नागापुर गांव का राठौड़ परिवार भी इस योजना से लाभान्वित होने वाला एक ऐसा ही परिवार है और पीएमएवाई की वजह से खुशहाल जीवन जी रहा है। योजना के तहत मिली आर्थिक सहायता का उपयोग करके उन्होंने अपने कच्चे घर को पक्का (स्थायी) बना लिया है। नागापुर गांव के आदिवासी समुदाय के दो भाई वसंत और राजकुमार राठौड़ पहले खेती करते थे और गांव में कच्चे घर में रहते थे। कुछ साल पहले वसंत के निधन के बाद उनकी पत्नी आशा और बेटे ने 2021-22 में ग्राम पंचायत के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के लिए आवेदन किया। आज वे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने पक्के मकान में रह रहे हैं। राजकुमार राठौड़ ने आईएएनएस से बातचीत में कच्चे मकान से पक्के मकान में आने की कहानी साझा की। 
उन्होंने कहा, "पहले मेरे भाई का मकान कच्चा था और बारिश में पूरा मकान टपकता था, लेकिन पीएमएवाई की वजह से उनका मकान पक्का हो गया है। अब उन्हें कोई परेशानी नहीं है।" उन्होंने आगे बताया, "जब उन्हें पता चला कि पीएमएवाई के तहत उन्हें आर्थिक सहायता मिल सकती है, तो उन्होंने इसके लिए आवेदन किया। उन्होंने इसके लिए आवेदन किया और सरकार से 1.20 लाख रुपये, रोजगार गारंटी योजना से 22,000 रुपये और शौचालय के लिए 12,000 रुपये मिले।" सरकार की किफायती आवास योजना से लाभान्वित होने वाले सिर्फ राठौड़ परिवार ही नहीं हैं, बल्कि ऐसे कई परिवार हैं, जिनका पक्का मकान का सपना आज साकार हो गया है। कच्चे या अस्थाई मकानों में रहने वाले कई लोग अब पीएमएवाई-यू और पीएमएवाई-आर के तहत स्थायी आवास इकाइयों में चले गए हैं। पीएमएवाई को जून 2015 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) द्वारा शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य निम्न और वंचित वर्ग के बीच आवास की कमी को दूर करना और उन्हें एक स्थायी घर में रहने में सक्षम बनाना था।
Tags:    

Similar News

-->