10,000 रु. तक जा सकता है बस किराया
ट्रेनों के रद्द होने से सबसे ज्यादा चांदी बस ट्रैवल्स कम्पनियों की हो रही है. या ये कहे कि प्राइवेट बस संचालक चांदी नहीं, बल्कि सोना काटने की तैयारी में है. एक ओर ट्रेनें रद्द हो रही हैं तो दूसरी तरफ दिवाली के आसपास के सारे दिनों पर फ्लाइट्स हाउसफुल हो चुकी है. सूत्रों के अनुसार इस बार बस संचालकों ने दिवाली के आसपास पुणे और नागपुर के बीच किराया 10,000 रुपये तक पहुंचाने की तैयारी कर ली है. उधर अंदरखाने में रेलवे पर बस संचालकों को लाभ दिलाने के लिए ऐन त्योहार के समय ट्रेनें रद्द करने की साजिश के आरोप भी लगने लगे हैं.
4 महीने पहले आरक्षण का अर्थ ही नहीं रह गया
भारतीय यात्री संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शुक्ला (Brij Bhushan Shukla) ने कहा कि त्योहारों के समय भारतीय ट्रेनें हमेशा से ही हाउसफुल रहती है. पुणे में नागपुर से हजारों विद्यार्थी और नौकरीपेशा युवा व प्रोफेशनल्स रहते हैं. कोविड महामारी के बाद पहली बार लोगों को परिवार के साथ हर्षोल्लास से दिवाली मनाने का मौका मिला. इसके लिए उन्होंने 4 महीनों पहले ही टिकट बुक करवा ली लेकिन ऐन वक्त पर रेलवे ने ट्रेनें रद्द कर दी. ऐसे में 4 महीने पहले सीट आरक्षण का अर्थ ही नहीं रह गया. उन्होंने कहा कि हाल यह है कि गोंदिया-कोल्हापुर-गोंदिया महाराष्ट्र एक्सप्रेस को सीधे 15 दिनों के लिए रद्द कर दिया गया है, जबकि इंटरलॉकिंग का काम 9 दिन ही चलाने की बात की गई है. इसके अलावा अन्य कई ट्रेनें भी 6 से 8 दिनों तक रद्द है. इससे सैकड़ों नहीं, हजारों यात्री परेशान हो रहे हैं और रेलवे की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है.
दादाधाम एक्सप्रेस के लिए रेल मंत्री से करेंगे चर्चा : गडकरी
भारतीय यात्री संघ द्वारा गडकरी से नागपुर-खंडवा-नागपुर दादाधाम इंटरसिटी के विषय में भी चर्चा की गई. उन्हें बताया गया कि उक्त ट्रेन पूरे वर्ष लाखों यात्रियों के लिए सहूलियत भरी साबित होती रही है लेकिन कोविड काल से बंद कर दिया गया है. दादाधाम एक्सप्रेस को दोबारा शुरू करने के लिए हजारों यात्री मांग कर रहे हैं लेकिन मध्य रेल इसके ताले खोलने का तैयार नहीं. गडकरी ने कहा कि वे इस बारे में रेल मंत्री से चर्चा करेंगे. शुक्ला ने कहा कि अमरावती की सांसद नवनीत राणा की मांग पर नागपुर-जबलपुर-नागपुर एक्सप्रेस को दोबारा अमरावती तक विस्तार दिया जा सकता है तो गडकरी के कहने पर दादाधाम एक्सप्रेस भी शुरू होने की उम्मीद की जा सकती है क्योंकि यह हजारों नहीं, लाखों यात्रियों की जरूरत है.