कहते हैं जूते आदमी की औकात बता देते हैं। लेकिन आज के इस दौर में जूते कभी कभी चोर का पता भी बता देते हैं। ऐसा ही कुछ सामने आया है मुंबई में। जब पुलिस ने एक शातिर चोर को पकड़ा जिसने ज्वैलर्स की दुकान से आठ किलो चांदी और पांच लाख से ज़्यादा कैश चुरा भी लिया था.. और क़रीब क़रीब खुद को छुपा भी लिया था। मगर बदक़िस्मती से चोर के जूतों ने उसकी चोरी पकड़ा दी। और पुलिस ने थोड़ा पसीना बहाकर ढेर सारी वाहवाही लूट ली। चोरी की ये वारदात हुई थी दादर के नमन मिडटाउन में बनी एक बिल्डिंग की 14 वीं मंजिल पर। इस बिल्डिंग की 14 वीं मंजिल पर ही डिवाइन सॉलिटेयर का दफ़्तर है। हुआ यूं कि 31 जनवरी को डिवाइन सॉलिटेयर का सुबह जब ऑफिस खोला गया तो स्टॉफ़ ने वहां कुछ क़ीमती ज़ेवर और तिजोरी में रखा कैश नदारद पाया। तब इस चोरी की वारदात की इत्तेला पुलिस को दी गई।
पुलिस ने मौका-ए-वारदात का मुआयना किया तो पुलिस को CCTV कैमरे दिखाई दिए। तब पुलिस ने 140 CCTV कैमरे की फुटेज को खंगालना शुरू किया। कई बार इधर से उधर फुटेज देखने के बाद भी पुलिस को कुछ अलग और अजूबा सा नहीं दिखाई दिया, मगर डिवाइन सॉरिटेयर के एक कर्मचारी ने CCTV की फुटेज में कुछ नोटिस किया। उसने पुलिस को बताया कि फुटेज में उसे क बुर्के वाली दिखाई दे रही है जिसने ट्रैकिंग शूज़ पहन रखे हैं। ये बात कुछ खटक सी रही है। उस CCTV की फुटेज को जब और गौर से देखा गया तो उन्हें कुछ देर बाद ही एक लड़का नज़र आया जो पीठ में बैग लटकाए हुए था, मगर उसने वही जूते पहन रखे थे जो कुछ देर पहले एक बुर्केवाली ने पहने हुए थे।
बस फिर क्या था, ये सुराग पुलिस के लिए काफी था। पुलिस ने उस लड़के का पता लगाना शुरू किया। पता चला कि उस संदिग्ध लड़के ने पनवेल से दादर तक का सफर ट्रेन ऑटो और टैक्सी में अदल बदल कर किया है। थोड़ी दौड़ भाग और थोड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने आखिरकार पनवेल से बलवंत गुप्ता नाम के लड़के को पकड़ लिया। बलवंत एक इलेक्ट्रीशिन था, 2020 में कोरोना महामारी के दौरान उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। उधर उसके पिता को कैंसर भी हो गया था। लिहाजा बलवंत ने चोरी की ये वारदात करने का इरादा किया। चोरी की वारदात को अंजाम देने के लिए उसने डिवाइन सॉलिटेयर में कम से कम दो से तीन बार रेकी की थी।
हालांकि पुलिस ने जब बलंवत को पकड़ा तो उसने फौरन ही अपना गुनाह कबूल नहीं किया बल्कि जब पुलिस ने उसे CCTV फुटेज दिखाई तब जाकर उसने अपने जुर्म का इक़रार किया। पुलिस को अंदेशा है कि बलवंत ने ये अकेली चोरी नहीं की है, बल्कि वो कई और चोरी की वारदात अंजाम दे चुका है। हालांकि अभी तक उसने अपने दूसरे गुनाहों के बारे में कोई बात कबूल नहीं की है। पुलिस को अंदेशा है कि घाटकोपर में भी इसी तरह चोरी की एक बड़ी वारदात अंजाम दी गई थी। मुमकिन है कि उस चोरी में भी इसी बलवंत का ही हाथ हो। बलवंत ने ही पुलिस को बताया कि चांदी के ज़ेवर उसके लिए मुसीबत बन गए थे क्योंकि चोरी के बाद उन्हें ठिकाने लगाने का कोई उपाय उसे नहीं सूझ रहा था। उसे ये भी नहीं पता था कि चोरी के ज़ेवर बेचे कहां जाते हैं। पुलिस ने बलवंत के पास से सारा कैश और ज्वैलरी बरामद कर ली है। अब पुलिस बलवंत से और भी पूछताछ कर रही है।