बगावती तेवर में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे, राज्यपाल को भेजी चिट्ठी, कही ये बात
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महाराष्ट्र में सियासी संकट गहराता जा रहा है. महा विकास अघाडी के लिए सरकार में बने रहना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. दूसरी तरफ बगावती तेवर दिखा रहे शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की तरफ से राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को एक चिट्ठी भी लिख दी गई है. उस चिट्ठी में साफ कहा गया है कि उनका समर्थन करने वाले तमाम विधायक भी महाराष्ट्र विधानसभा का ही हिस्सा हैं.
चिट्ठी में लिखा गया है कि हम महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य हैं और शिवसेना का हिस्सा हैं. हम सभी की तरफ से एकनाथ शिंदे को 31 अक्टूबर, 2019 को शिवसेना विधायक दल का नेता चुना गया था. चिट्ठी में इस बात पर भी जोर रहा है कि 2019 में शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था. लेकिन बाद में सत्ता के लिए अपने विचारों के साथ समझौता किया गया और एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली गई. चिट्ठी में दावा किया गया है कि इस एक फैसले से पार्टी के कई कार्यकर्ता और नेता असहज थे. बागी विधायकों के मुताबिक शिवसेना मराठी लोगों के हक के लिए लड़ने के लिए बनाई गई थी. बालासाहेब ठाकरे भी चाहते थे कि महाराष्ट्र को हमेशा एक ईमानदार सरकार दी जाए. वे हमेशा जोर देते थे कि हिंदुत्व की राजनीति के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
लेकिन अब उसी शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई. सरकार बनाने के बाद अनिल देशमुख और नवाब मलिक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. इन सभी कारणों की वजह से पार्टी को जनता के साथ-साथ विपक्ष के भी मुश्किल सवालों का सामना करना पड़ा.
चिट्ठी के अंत में बागी विधायकों ने दो पहलू स्पष्ट कर दिए हैं. पहला ये कि एकनाथ शिंदे ही महाराष्ट्र शिवसेना विधायक दल के नेता रहने वाले हैं और दूसरा ये कि भरत गोगावले को शिवसेना विधानमंडल का मुख्य प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है. वे चीफ व्हिप रहने वाले हैं. जोर देकर कहा गया है कि सुरेश प्रभु ने जो व्हिप जारी की है, वो पूरी तरह अवैध है और कानून में उसके कोई मायने नहीं.
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है की शरद पवार कांग्रेस से हो सकते है बहार और कांग्रेस को मिलेगा बड़ा झटका।