शरद पवार ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा- 'आज देश को एक रखना सबसे बड़ी चुनौती'

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एनसीपी की संकल्प सभा में बोलते हुए.

Update: 2022-04-23 18:00 GMT

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एनसीपी की संकल्प सभा में बोलते हुए, एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने केंद्र की मोदी सरकार (PM Narendra Modi) पर जोरदार हमले किए हैं. उन्होंने कहा है कि आज देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती देश को एक रखने की है. 2014 से पहले देश की स्थिति अलग थी. आज स्थिति अलग हो गई है.शरद पवार ने कहा, ' आज हम सबके सामने यह देश एक रखना ही सबसे बड़ी चुनौती है. 2014 से पहले हालात अलग थे. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सरकार थी. देश के सामने जो भी सवाल और समस्याएं थीं, उनसे निपटने के लिए एक साथ परेशानियां उठाई गईं. कई क्षेत्रों में देश की उन्नति कैसे हो, इसकी कोशिश की गई.2014 में चुनाव का नतीजा अलग आया और बीजेपी के हाथ सत्ता आई.'

शरद पवार ने कहा,'यह जनता का फैसला था. इसलिए हमने इसे पूरी विनम्रता से स्वीकार किया. लेकिन हम देख रहे हैं कि सता हाथ में आने के बाद उसका इस्तेमाल आम जनता की एकता कैसे कायम रहे,यह देश एक सूत्र में कैसे बंधा रहे, लोगों की परेशानियां कम कैसे हों, समाज के सभी वर्ग के लोग एक साथ कैसे मिल-जुलकर रहें, इसकी जिम्मेदारी किसी भी राष्ट्रीय नेतृत्व और सरकार प्रमुख की रहा करती है, लेकिन आज स्थिति अलग है.'

दिल्ली में हुई आगजनी, तनाव का निर्माण, ये सब बीजेपी का प्लान
शरद पवार ने आज समाज में भेदभाव बढ़ने की वजह यह बताई कि आज देश का केंद्रीय नेतृत्व इस बात को लेकर या तो लापरवाह है या इसे खुद हवा दे रहा है. शरद पवार ने कहा,'पिछले कुछ दिनों से राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में तनाव दिखाई दिया. आगजनी की घटनाएं हुई. वहां किसका राज है? केजरीवाल के हाथ में भले ही दिल्ली की सत्ता है. लेकिन दिल्ली में गृह विभाग बीजेपी के हाथ में है. अमित शाह के हाथ में है. कानून-व्यवस्था को सही रखने की जिम्मेदारी उनकी है.उनकी यह जिम्मेदारी थी कि वे देश की राजधानी में एकता और शांति बनाए रखते. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.'आपके हाथ में सत्ता और दिल्ली संभाली नहीं जा रही? '
शरद पवार ने कहा,' दिल्ली में कुछ भी होता है तो पूरी दुनिया में संदेश जाता है. ऐसे में इस देश में अस्थिरता है, ऐसा मैसेज बाहर जा रहा है.आपके हाथ में सत्ता है और आपसे दिल्ली संभाली नहीं जा रही? और बात सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है. दो दिनों पहले मैं कर्नाटक में था. वहां भी हुबली में इसी तरह के सांप्रदायिक दंगा हुआ. कर्नाटक में खुलेआम अल्पसंख्यक लोगों को लेकर इस तरह के बोर्ड लगाए गए कि अमुक गांव या अमुक ठिकाने पर अल्पसंख्यक व्यक्ति की दुकान है, रेस्टोरेंट हैं, वहां से कोई सामान मत लो, वहां कोई मत जाओ. यह संदेश भेजने वाले लोग सत्ताधारी पार्टी के लोग हैं.जहां-जहां बीजेपी की सत्ता है. वहां-वहां ऐसी ही हालत है.'
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