बीड की रैली में शरद पवार ने पीएम मोदी पर जमकर किया कटाक्ष

Update: 2023-08-17 17:13 GMT
महाराष्ट्र: शरद पवार ने महाराष्ट्र के बीड में रैली को संबोधित किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर जा कर वहां के लोगों की पीड़ा को जानना चाहिए था.
एनसीपी नेता शरद पवार ने महाराष्ट्र में रैली में बीजेपी से कहा कि आप स्थिर सरकार देने की बात करते हैं, लेकिन राज्यों में निर्वाचित सरकारों को गिरा देते हैं. उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को पीएम मोदी ने कहा था 'मी पुन्हा येइन' (मैं फिर वापस आऊंगा)...तो मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि ऐसी ही बात महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने भी कही थी और वह सत्ता में आए लेकिन निचले पोस्ट पर...
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह एक ओर स्थिर सरकार देने की बात करती है, लेकिन राज्यों में विधिवत निर्वाचित सरकारों को गिरा देती है. पवार ने महाराष्ट्र के बीड कस्बे में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के नक्शेकदम पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में ‘‘पुन: वापस आने की’’ बात की. उन्होंने कहा कि फडणवीस मुख्यमंत्री के रूप में नहीं लौटे, बल्कि एक निचले पद पर वापस आए. कोई सोच सकता है कि वह (मोदी) किस पद पर लौटेंगे.
क्या कहा था पीएम मोदी ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से लोगों को संबोधित किया और विश्वास जताया कि वह अगले साल लाल किले की प्राचीर से एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित करेंगे और जनता से किये गये वादों की प्रगति उनके समक्ष प्रस्तुत करेंगे. पीएम मोदी के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई है. कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल से जब पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव में देश की जनता तय करेगी कि कौन वापस आ रहा है और कौन नहीं...हमें कम से कम 2024 तक इंतजार करना चाहिए.
इधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वे(प्रधानमंत्री) अगले साल एक बार फिर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे लेकिन अपने घर पर फहराएंगे. कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में पीएम मोदी पर वंशवाद की राजनीति की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह बहुत दुख की बात है अगर कोई नेता या प्रधानमंत्री राष्ट्रीय दिवस और राजनीतिक कार्यक्रम के बीच अंतर नहीं जानता.
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