सतारा जिला बैंक चुनाव: 1 वोट से हारे NCP पार्षद, समर्थक हुए आगबबूला, बरसाए पार्टी कर्यालय पर पत्थर

1 वोट से हारे NCP पार्षद

Update: 2021-11-23 12:17 GMT
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधान पार्षद शशिकांत शिंदे (MLC Shashikant Shinde) मंगलवार को सतारा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक का चुनाव 1 वोट से हार गए. जिसके बाद उनके समर्थकों ने इस बात से नाराज होकर पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा शहर में स्थित पार्टी कार्यालय पर पथराव किया है. शिंदे को उनके प्रतिद्वंदी ज्ञानदेव रांजणे ने चुनाव में एक वोट से हराया है. चुनाव के परिणाम की घोषणा मंगलवार को ही हो गई. पथराव की घटना की पुष्टि करते हुए सतारा के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार शिंदे ने कहा कि पथराव करने के मामले में शशिकांत शिंदे के 7 से 8 समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
वही शशिकांत शिंदे ने मीडिया से बातचीत के दौरान घटना पर माफी मांगी है और कहा है कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और उसके प्रमुख शरद पवार के वफादार कार्यकर्ता हैं.
मैंने ढिलाई बरती जो मुझे महंगी पड़ी'
शशिकांत शिंदे ने कहा मुझे चुनाव में 1 वोट से हार मिली है और इसे स्वीकार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरे लिए, राकांपा, शरद पवार और अजीत पवार ही सब कुछ हैं. उन्होंने कहा कि मेरी हार के पीछे साजिश थी और आने वाले दिनों में इसका पर्दाफाश किया जाएगा. शिंदे ने साथ ही ये भी कहा कि चुनाव के दौरान 'मैंने ढिलाई बरती जो मुझे महंगी पड़ी है.'
समर्थक हार की वजह से हुए भावुक
उन्होंने अपने समर्थकों से संयम बरतने की अपील भी की है. शिंदे ने कहा 'मैं पवार साहेब, अजीत पवार, जयंत पवार और सुप्रिया सुले से अपने समर्थकों की ओर से माफी मांगता हूं.' शिंदे ने कहा कि समर्थक हार की वजह से भावुक हो गए थे. वहीं यह पूछने पर कि हार के लिए कौन जिम्मेदार है शिंदे ने कहा वह इस बारे में बाद में बात करेंगे.
कांग्रेस नेता ने ज्वाइन की एनसीपी
कांग्रेस के पूर्व नेता और दिल्ली विधानसभा के पूर्व स्पीकर योगानंद शास्त्री एनसीपी में शामिल हो गए हैं. एनसीपी प्रमुख शरद पवार की मौजूदगी में हुए एक कार्यक्रम में वह एनसीपी का हिस्सा बने. उन्हें पार्टी की शहर इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. एनसीपी में शामिल होने के बाद शास्त्री ने कहा कि कांग्रेस में काम करना आसान नहीं था. सबसे बड़ी समस्या यह है कि पार्टी हाई कमान उन लोगों को प्रोत्साहित कर रहा है जो समाज से जुड़ ही नहीं पा रहे हैं. पंजाब इसका उदाहरण है और बाकी राज्यों की स्थिति भी सब जानते हैं.
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