चांदीवाल आयोग के सामने सचिन वाजे ने अनिल देशमुख पर लगाए गंभीर आरोप, ED को लिखा पत्र

मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Vaze) ने प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) को एक पत्र लिख कर कहा है.

Update: 2022-02-09 18:14 GMT

मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Vaze) ने प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) को एक पत्र लिख कर कहा है, कि वह केंद्रीय एजेंसी द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) और अन्य के खिलाफ दर्ज धन शोधन मामले में एक सरकारी गवाह बनना चाहता है. एंटीलिया विस्फोटक मामले में वर्तमान में न्यायिक हिरासत में चल रहा वाजे धन शोधन मामले में भी एक आरोपी है जिसमें देशमुख को गिरफ्तार किया गया है. ईडी के सहायक निदेशक तासीन सुल्तान को लिखे अपने पत्र में वाजे ने कहा, "मैं एक सक्षम मजिस्ट्रेट के समक्ष उपरोक्त संदर्भित मामले के संबंध में मुझे ज्ञात सभी तथ्यों का सत्य और स्वैच्छिक प्रकटीकरण करने को तैयार हूं."

पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) ने कहा, "मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 306, 307 के तहत क्षमा प्रदान करने के लिए इस आवेदन पर विचार करें." सीआरपीसी की धारा 306 और 307 एक अपराध में एक साथी को क्षमादान देने के लिए अदालत की शक्तियों से संबंधित है. इस मामले से संबंधित एक अन्य घटनाक्रम में ईडी ने बुधवार को यहां एक विशेष अदालत के समक्ष देशमुख की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इसमें कोई विशेष बात नहीं है और यह खारिज किए जाने योग्य है.

अनिल देशमुख के निर्देशों पर किया पैसे का भुगतान
सचिन वाजे ने बुधवार को एक जांच आयोग को बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के सहयोगियों को उनके निर्देशों पर पैसे का भुगतान किया था. वाजे ने अपने उस पिछले बयान से पलटते हुए यह टिप्पणी की जिसमें उन्होंने राकांपा नेता से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले के सिलसिले में इसके विपरीत दावे किए थे.

वाजे ने एक हलफनामे में कहा कि उन्हें कुछ मुद्दों के संबंध में आयोग के समक्ष पेश होने के लिए "मजबूर और बाध्य" किया गया और दावा किया गया कि "देशमुख द्वारा स्पष्ट रूप से मानसिक रूप से परेशान और प्रताड़ित किया गया." महाराष्ट्र सरकार द्वारा नियुक्त समिति के समक्ष अपने पिछले बयान को खारिज करते हुए, वाजे ने हलफनामे में कहा कि उन्होंने पूर्व मंत्री के निर्देश पर देशमुख से जुड़े लोगों को पैसे (कथित रूप से जबरन वसूली के माध्यम से एकत्र) सौंपे.

पहले पैसे के लेन-देन से किया था इनकार
इससे पहले, वाजे ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के यू चांदीवाल आयोग के समक्ष अपने बयान के दौरान देशमुख या उनके किसी स्टाफ सदस्य को कोई भुगतान करने से इनकार किया था. पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) ने मुंबई में बार और रेस्तरां मालिकों से पैसे लेने से भी इनकार किया था.

चांदीवाल आयोग मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह द्वारा देशमुख (71) के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहा है. पिछले साल मार्च में एंटीलिया के निकट एक गाड़ी से विस्फोटक मिलने और मनसुख हिरन हत्याकांड में गिरफ्तारी के बाद से वाजे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है.

पिछले साल नवंबर में, मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने गोरेगांव पुलिस थाने में दर्ज एक जबरन वसूली के मामले में सह-आरोपी वाजे को हिरासत में लिया था. पूर्व पुलिसकर्मी ने अपने हलफनामे में दावा किया, "मुंबई की अपराध शाखा द्वारा मेरी गिरफ्तारी के बाद, मैं बहुत दबाव में था और इस तरह, मैंने पूरे 15 दिनों की पुलिस हिरासत स्वीकार कर ली."


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