Maharashtra महाराष्ट्र: नशे के लिए दर्द निवारक और बेहोशी की दवा का इस्तेमाल किए जाने का खुलासा हुआ है। हडपसर पुलिस ने अवैध नशीली दवा बेचने वाली एक युवती को गिरफ्तार किया है। उसके पास से एक लाख रुपये कीमत की मेफेटामाइन सल्फेट (टर्मिन) की 160 बोतलें जब्त की गई हैं। गिरफ्तार युवती की पहचान अंबिका उर्फ नेहा आनंदसिंह ठाकुर (उम्र 26, निवासी मालवाड़ी, हडपसर) के रूप में हुई है। उसके खिलाफ हडपसर थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार, हडपसर पुलिस की एक टीम गुरुवार (26 दिसंबर) को गश्त कर रही थी। उस समय पुलिस को सूचना मिली कि हडपसर इलाके की रहने वाली अंबिका ठाकुर दर्द निवारक और बेहोशी की दवा बेच रही है।
उसके बाद वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संतोष पंधारे के मार्गदर्शन में सहायक निरीक्षक अर्जुन कुडाले और उपनिरीक्षक महेश कावले की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से मेफेटामाइन सल्फेट नामक नशीली दवा की 160 बोतलें जब्त की गईं। अंबिका ठाकुर के पास न तो नशीली दवा बेचने का लाइसेंस है और न ही उसके पास फार्मेसी की डिग्री है। डॉक्टर की सलाह के बिना नशीली दवा का उपयोग करने से साइड इफेक्ट हो सकते हैं और दवा का सेवन करने वाले व्यक्ति के स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान हो सकता है।
ठाकुर को इसकी जानकारी थी। हड़पसर संभाग के सहायक पुलिस आयुक्त अश्विनी राख के मार्गदर्शन में हड़पसर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संतोष पंधारे, पुलिसकर्मी सुशील लोनकर, संदीप राठौड़, सचिन जाधव, नीलेश किरवे, गायत्री पवार ने यह कारनामा किया। अंबिका ठाकुर नशा करती थी। उसने पहले एक नशा पुनर्वास केंद्र में इलाज कराया था। उसके बाद उसने नशे की लत के लिए नशीली दवा बेचना शुरू कर दिया। जांच में पता चला है कि वह चार सौ से पांच सौ रुपये में नशीली दवा की एक बोतल बेच रही थी। डॉक्टर की सलाह के बिना नशीली दवा बेचना और उसका सेवन करना प्रतिबंधित है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि उसके पास नशीली दवा की बोतलें कहां से आई। इससे पहले पुलिस ने नशे के लिए नशीली दवाओं के इस्तेमाल के साथ-साथ बिक्री के प्रकारों का भी खुलासा किया है।